Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संत की कलम से : कुंभ स्नान जीवन को भवसागर से लगाता है पार- श्री महंत प्रेम पुरी महाराज

    By Sumit KumarEdited By:
    Updated: Tue, 16 Mar 2021 04:48 PM (IST)

    कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। जो सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहराता है। कुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु इसकी अलौकिक छटा को देखकर सनातन धर्म भारतीय संस्कृति से प्रभावित होते हैँ। शाही स्नान का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है।

    Hero Image
    प्रेम पुरी महाराज, श्री महंत, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी

    कुंभ मेला भारतीय संस्कृति का सबसे बड़ा पर्व है। जो सनातन धर्म का परचम पूरे विश्व में फहराता है। कुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालु इसकी अलौकिक छटा को देखकर सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति से प्रभावित होते हैँ। अखाड़े की पेशवाई, नागा सन्यासियों का शाही स्नान और बैरागी संतों के खालसे मुख्य आकर्षण का केंद्र होते हैं। शाही स्नान का अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। शाही स्नान की तर्ज पर 11 मार्च को सकुशल संपन्न हुए महाशिवरात्रि स्नान के बाद एक अप्रैल से कुंभ मेला शुरू होगा। जो दिव्य और भव्य ही नहीं बल्कि पारंपरिक रूप में होगा। अखाड़े अपने-अपने स्तर से इसे अंतिम रूप देने में जुटे हैं। महाकुंभ के लिए विशेष योग 12 वर्षों की बजाए 11 वर्ष में पड़ रहा है। कुंभ स्नान से जन्म जन्मांतर के पापों का शमन होता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यह भी पढ़ें-  संत की कलम से: धर्म, संस्कृति और आध्यात्मक का संगम है कुंभ मेला- श्रीमहंत देवानंद सरस्वती महाराज

    कुंभ मेला धर्मनगरी के अलावा प्रयागराज, उज्जैन और नासिक में होता है। समुद्र मंथन से निकली अमृत की बूंदें इन चार स्थानों पर गिरी थी। कुंभ में हरिद्वार के ब्रह्मकुंड पर संत महात्माओं के साथ ही लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाएंगे। मनुष्य को यदि परमात्मा की प्राप्ति करनी है और अपने जीवन को भवसागर से पार लगाना है तो कुंभ मेले के दौरान पतित पावनी मां गंगा में स्नान कर स्वयं को पुण्य का भागी बनाएं।

    --------प्रेम पुरी महाराज, श्री महंत, श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी

    यह भी पढ़ें- संत की कलम से: संतों के आशीर्वाद से दिव्य और भव्य होगा कुंभ - महंत प्रह्लाद दास महाराज

    Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें