हरीश रावत ने किया कीर्तन, सरकार पर लगाया दलितों को डराने का आरोप
पूर्व सीएम हरीश रावत ने हरिद्वार पहुंचकर दलित उत्पीडऩ के विरोध में उपवास व कीर्तन किया। उन्होंने भाजपा की प्रदेश व केंद्र सरकार पर दलितों का उत्पीड़न करने का आरोप भी लगाया।
हरिद्वार, [जेएनएन]: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा सरकार पर दलितों को डरा धमका कर अपने पाले में करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि दलितों के उत्थान का सरकार का दावा इस तरह से पूरा नहीं होगा।
पूर्व सीएम रावत ने हरिद्वार पहुंचकर दलित उत्पीडऩ के विरोध में उपवास व कीर्तन किया। ज्वालापुर के दलित बाहुल्य कड़च्छ मौहल्ले के रविदास मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में दलित समुदाय के लोगों के अलावा जिले भर के कांग्रेस नेता भी शामिल हुए।
उपवास के लिए देहरादून से हरिद्वार पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश सहित भाजपा शासित राज्यों में दलितों पर लगातार अत्याचार व उत्पीड़न किया जा रहा है। भाजपा और केंद्र व राज्य की सरकारें एक तरफ दलित उत्थान के दावे कर रही हैं, तो दूसरी तरफ दलितों को सरेआम पीटा जा रहा है और उन पर जुल्म किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि डरा धमका कर उनका भला नहीं किया जा सकता है। कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि दलित नेता के रूप में घूम-घूमकर यशपाल आर्य दलित एकता में फूट डाल रहे हैं। उन्हें दलित एकता के लिए काम करने वाले लोगों का साथ देना चाहिए। दलितों का तभी भला होगा, जब एक होकर उनके लिए काम किया जाएगा।
जिला पंचायत उपाध्यक्ष राव आफाक अली ने कहा कि भाजपा संविधान में यकीन नहीं रखती है, इसलिए दलितों पर अत्याचार किया जा रहा है। भारत बंद के बाद दलितों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज कर उन्हें डराया धमकाया जा रहा है, लेकिन कांग्रेस दलितों पर अत्याचार नहीं सहेगी।
इस मौके पर प्रदेश प्रवक्ता मनीष कर्णवाल, पूर्व ओएसडी पुरुषोत्तम शर्मा, पूर्व राज्य मंत्री मकबूल कुरैशी, नईम कुरैशी, राजबीर सिंह चौहान, सेवादल के प्रदेश मुख्य संगठक राजेश रस्तौगी, किरण सिंह, अंजू द्विवेदी, विमला पांडेय, पूर्व सभासद सरफराज गौड़, सुनीत कुमार, गुलबहार खान, धर्मेंद्र अंबूवाला, संदीप गौड, समीर अंसारी आदि मौजूद रहे।
पूर्व सीएम ने खुद लगाए नारे
उपवास कार्यक्रम में पहुंचने पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सबसे पहले रविदास मंदिर के दर्शन किए। इसके बाद मंच के बजाय वह नीचे दलितों के साथ दरी पर बैठ गए। कुछ देर बैठने के बाद उन्होंने खुद डॉ. भीमराव आंबेडकर, संत रविदास व महात्मा गांधी ङ्क्षजदाबाद के नारे लगवाए।
इसके बाद मंच पर स्थान ग्रहण किया। पूर्व मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले करीब एक घंटे तक कांग्रेसियों ने भी कीर्तन किया। चूंकि दो अप्रैल के बाद दलितों पर उत्पीड़न के विरोध में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया, लिहाजा शांति व्यवस्था के लिए पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
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