Haridwar Stampede: हादसे के अगले दिन भी मनसा देवी के दर्शन के लिए भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु, प्रशासन सतर्क; जगह-जगह बैरिकेडिंग
हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के बाद भी श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई। हादसे में आठ लोगों की जान जाने के बाद भी सोमवार को मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। चेहरे पर दर्द के बावजूद मां के प्रति उनकी श्रद्धा अटूट दिखी। प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए और अधिकारियों ने व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया।

जागरण संवाददाता, हरिद्वार : रविवार सुबह मनसा देवी मंदिर के सीढ़ी मार्ग पर मची भगदड़ की हृदयविदारक घटना ने पूरे हरिद्वार को स्तब्ध कर दिया। इस हादसे में आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 39 अन्य घायल हुए। घटना को लेकर श्रद्धालुओं के मन में पीड़ा बहुत है, परंतु मां मनसा देवी के प्रति आस्था भी अपरंपार है।
हादसे के महज 24 घंटे बाद ही सोमवार सुबह से ही पैदल मार्ग और ट्रॉली स्टेशन दोनों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। सुबह से ही श्रद्धालु मंदिर की ओर बढ़ने लगे और देर शाम तक दर्शन के लिए कतार लगी रहीं।
रैम्प मार्ग से पैदल चलकर मनसा देवी मंदिर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या 15 हजार से अधिक रही, जबकि रोपवे के माध्यम से करीब पांच हजार श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचे।
हादसे की पीड़ा हर श्रद्धालु के चेहरे पर साफ झलक रही थी, लेकिन मां के प्रति उनकी श्रद्धा उससे कहीं अधिक गहरी और अडिग दिखी। हरिद्वार के अपर रोड से लेकर मनसा देवी मंदिर तक श्रद्धालुओं के हाथों में फूल, प्रसाद और अगरबत्तियों के साथ-साथ श्रद्धा का उत्साह भी दिखा।
रविवार की घटना के बाद प्रशासन पूरी तरह सतर्क नजर आया। मंदिर मार्ग पर पुलिस बल, राजाजी टाइगर रिजर्व के जवान, होमगार्ड और एसडीआरएफ की टीमें तैनात रहीं। हर श्रद्धालु को नियंत्रित तरीके से मंदिर तक पहुंचाया गया। मार्ग पर जगह-जगह बैरिकेडिंग भी नजर आई।
सुरक्षा कारणों से सीढ़ी मार्ग का संचालन नहीं किया गया। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल स्वयं मौके पर जाकर व्यवस्थाओं की निगरानी की। रैम्प मार्ग और सीढ़ी मार्ग को निरीक्षण किया।
मां मनसा देवी के प्रति जनमानस की श्रद्धा अडिग और अटल है। वह मां के दर्शन करने के लिए तीन बार आ चुके हैं। मां की कृपा हर दुख पर मरहम है और हर भय से बड़ा उनका आशीर्वाद। जो हादसा हुआ है उसनेहमें चेताया भी है, श्रद्धा के साथ-साथ सजगता भी जरूरी है।
-तरुण कुमार, जयपुर राजस्थान
श्रद्धालुओं को अपनी श्रद्धा भावना के साथ मंदिर परिसर और यात्रा मार्ग पर अनुशासन भी रखना चाहिए। रविवार को हुई घटना कभी न भुलाए जाने वाली है। उन्हें भी रविवार को मनसा देवी मंदिर के दर्शन के लिए आना था। घटना की जानकारी मिलने पर नहीं आ पाए। आज सोमवार को अच्छे से दर्शन हो गए और सुरक्षित ढंग से आवाजाही भी।
-अनु कुमारी, दिल्ली
रविवार को हुई घटना में आठ लोगों की मौत की जानकारी मिली, यहा बहुत ही दुख की बात है, माता रानी सबको दुख सहने की शक्ति दे और सभी पर अपनी कृपा बनाई रखे। सोमवार को मैंने अपने परिवार के साथ अच्छे से दर्शन किए हैं। रविवार हादसें में घायल हुए श्रद्धालुओं के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
-विशाल गुसाईं, अंबाला हरियाणा
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