कितने सुरक्षित हमारे स्कूल... जर्जर आंगनबाड़ी भवन में नौनिहालों की जान जोखिम में, खुले शौचालय गड्ढे
खानपुर के कुड़ी हबीबपुर का आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हालत में है। 2018 में बना यह केंद्र दीवारों से प्लास्टर उखड़ने और जलभराव जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। शौचालय निर्माण के बाद गड्ढा खुला छोड़ दिया गया है जिससे हादसे का खतरा बना रहता है। शिक्षिका जहरा खातून ने बताया कि भवन जर्जर है और जनप्रतिनिधियों से मदद नहीं मिली है।

लवजीत शर्मा, जागरण खानपुर/हरिद्वार। आंगनबाड़ी केंद्र बच्चों की शुरुआती शिक्षा के लिए होते हैं। यहां से बच्चे स्कूल के लिए तैयार होती है लेकिन जब आंगनबाड़ी केंद्र ही जर्जर हो तो भला बच्चों की बुनियादी शिक्षा कैसे ठीक हो सकती है। खानपुर ब्लॉक के कुड़ी हबीबपुर का आंगनबाड़ी केंद्र अपनी बदहाली की कहानी बयां कर रहा है। आंगनबाड़ी केंद्र का भवन पूरी तरह से जर्जर हो गया है। बच्चे जान जोखिम में डालकर आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ते हैं।
आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण 2018 में हुआ था। महज सात वर्षों में ही आंगनबाड़ी का भवन जर्जर हो गया है। दीवारों से प्लास्टर उखड़ने लग गया है और केंद्र की दीवारें कमजोर हो गई है। इसके साथ वर्षा के दौरान जलभराव हो जाता है। जिससे बच्चों को आने-जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
शौचालय निर्माण के बाद नहीं ढ़का गढ्ढा, हादसा को दे रहा न्यौता
मैदान में भी घास उगी है। इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्र के प्रवेश द्वार पर एक बड़ा नाला पड़ता है, जो बरसात के समय पानी से लबालब भरा रहता है। इसके अलावा शौचालय का निर्माण का करने के बाद भी गड्ढे को ढका नहीं गया है। ऐसे में कभी भी कोई बढ़ा हादसा हो सकता है। दुर्घटना से बचने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र की शिक्षिका को गड्ढे के पास पहरा देना पड़ता है, जिससे बच्चों के साथ कोई हादसा न हो।
आंगनबाड़ी केंद्र पर नशेड़ी करते हैं तोड़फोड़
आंगनबाड़ी केंद्र पर पेयजल की व्यवस्था को ओवर हैड टैंक का निर्माण करवाया गया है लेकिन इसमें पानी ही नहीं है। केंद्र की बाउंड्रीवाल भी बहुत छोटी है ऐसे में बच्चों की छुट्टी होने के बाद यह नशेड़ियों का अड्डा बन जाता है। ऐसे में आंगनबाड़ी केंद्र में नशेड़ी तोड़-फोड़ भी करते हैं। जिससे आंगनबाड़ी केंद्र को नुकसान होता है।
आंगनबाड़ी केंद्र की शिक्षिका जहरा खातून ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र का भवन जर्जर हो गया है। इससे खतरा बना रहता है। शौचलय का निर्माण करने के बाद भी गड्ढा खुला हुआ है। इससे भी बड़ा हादसा हो सकता है। बच्चों के आने और जाने समय गड्ढे की वजह से हादसा हो सकता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में वार्ता की गई लेकिन कोई मदद नहीं मिली।
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