अंतरराज्यीय चोर गिरोह चढ़ा पुलिस के हत्थे, 12 बाइकें बरामद
हरिद्वार जिले की ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।
हरिद्वार, जेएनएन। ज्वालापुर कोतवाली पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने तीन वाहन चोरों को गिरफ्तार कर उनकी निशानदेही पर ज्वालापुर, बहादराबाद, बिजनौर और दिल्ली से चुराई गई कुल 12 बाइकें बरामद की गई हैं। पकड़े गए वाहन चोर एक राज्य से बाइक चोरी कर दूसरे राज्य में बेचते थे।
एसएसपी जन्मेजय प्रभाकर खंडूरी ने ज्वालापुर कोतवाली में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि शहर में वाहन चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए एसएसपी ने थानास्तर पर टीमें गठित की थी। ज्वालापुर कोतवाल मनोज मेनवाल के निर्देशन में कोतवाली पुलिस की एक टीम रात हरिलोक तिराहे पर चेकिंग कर रही थी। दो बाइकों पर सवार तीन संदिग्ध पुलिस को देखकर सराय की ओर भागने लगे।
शक होने पर पुलिस टीम ने पीछा कर संदिग्धों को पकड़ लिया। पूछताछ में आरोपितों ने वाहन चोरी की घटनाएं कुबूल करते हुए अपने नाम शिवम पुत्र मुन्ना लाल मिश्रा निवासी संजय नगर बरेली, रामनारायण सैनी पुत्र चमन सिंह और नपेंद्र सिंह पुत्र नन्हे सिंह निवासीगण गांव रायपुर मलूक, धामपुर जिला बिजनौर उत्तर प्रदेश बताया। उनकी निशानदेही पर पुलिस ने अलग-अलग जगहों से कुल 12 बाइकें बरामद की।
एसएसपी ने बताया कि बरामद बाइकों में सात बिजनौर के अलग-अलग क्षेत्रों से चुराई गई थी। दो बाइक ज्वालापुर और दो बाइक बहादराबाद थानाक्षेत्र के साथ ही एक बाइक दिल्ली से चोरी की गई थी। आरोपित उत्तराखंड से चुराई गई बाइकों को उत्तर प्रदेश में बेचते थे और उत्तर प्रदेश व दिल्ली से वाहन चोरी कर उन्हें उत्तराखंड में लाकर बेच देते थे। उन्होंने बताया कि आरोपितों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है।
एसएसपी ने शाबाशी के साथ दिया इनाम
चोर गिरोह पकड़ने पर एसएसपी ने पुलिस टीम को शाबाशी देने के साथ-साथ ढाई हजार रुपये का इनाम भी दिया है। पुलिस टीम में ज्वालापुर कोतवाल मनोज मेनवाल, एसएसआइ विकास भारद्वाज, उपनिरीक्षक विकास रावत और विवेक चंद्र, कॉन्स्टेबल फरीद खान, निर्मल, देवेंद्र, वीर सिंह, कपिल यादव, वीर सिंह, सतेंद्र, जितेंद्र कुमार और जितेंद्र शामिल रहे।
सिडकुल की फैक्ट्रियों में करते थे काम
एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि पकड़े गए दो आरोपित आठवीं पास हैं, जबकि तीसरा निरक्षर है। तीनों यहां सिडकुल की अलग-अलग फैक्ट्रियों में काम करते थे। उन्होंने रावली महदूद में किराए पर कमरा लिया हुआ था। घर का खर्च पूरा न होने पर तीनों ने वाहन चोरी का रास्ता अपनाया और मिलकर गैंग के रूप में काम करने लगे।
हलवाई नपेंद्र करता था रेकी
सिडकुल की फैक्ट्री में काम करने के साथ ही नपेंद्र हलवाई का काम भी करता था। कोतवाल मनोज कुमार मेनवाल ने बताया कि हलवाई का काम करने के दौरान वह आसपास खड़े वाहनों की रेकी करता था। जिस बाइक का लॉक खुला या खराब होता था, उसकी पहचान करता था। बाद में शिवम और रामनारायण वहां आकर बाइक चोरी कर ले जाते थे।
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