दो सफाई कर्मचारियों की मौत पर नौ साल बाद हुआ मुकदमा दर्ज
दो सफाई कर्मचारियों की मौत के मामले में पुलिस ने तत्कालीन नगर पालिका और जल संस्थान के अधिकारियों पर लापरवाही अनदेखी और एससी-एसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
रुड़की, जेएनएन। गंगनहर कोतवाली पुलिस ने दो सफाई कर्मचारियों की मौत के मामले में तत्कालीन नगर पालिका और जल संस्थान के अधिकारियों पर लापरवाही, अनदेखी और एससी-एसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया है। यह मुकदमा करीब नौ साल बाद दर्ज हुआ है। स्वजनों का आरोप है कि अधिकारियों ने बिना सुरक्षा उपकरण के लिए दोनों कर्मचरियों को सीवर मेनहॉल में उतारा था। वहीं मंगलवार को रानीपुर कोतवाली में भी 22 साल पहले हुई सफाई कर्मचारी की मौत के मामले में मुकदमा दर्ज हुआ है।
गंगनहर कोतवाली क्षेत्र में अंबरतालाब निवासी विकास और राकेश जल संस्थान के कर्मचारी थे। 14 अप्रैल 2010 को वैशाली मंडपम के सामने वाली रोड पर दोनों सीवर मेनहॉल की सफाई कर रहे थे। मेनहॉल की सफाई करते समय दोनों कर्मचारियों की मौत हो गई। इस मामले में मृतक विकास की मां विमला और मृतक राकेश की मां लीलावती ने गंगनहर कोतवाली पुलिस को तहरीर दी। पुलिस को दी तहरीर में पीड़ित महिलाओं ने आरोप लगाया कि तत्कालीन नगर पालिका और जलसंस्थान के अधिकारियों ने बिना सुरक्षा उपकरणों के हाथ से मैला निकालने के लिए दोनों कर्मचारियों को मेनहॉल में उतार दिया।
मेनहॉल के अंदर बनी गैस की चपेट में आने से दोनों कर्मचारियों की मौत हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों की लापरवाही के चलते कर्मचारियों की मौत हुई थी। उन्हें कोई आर्थिक सहायता भी नहीं मिली। महिलाओं ने बताया कि वह ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं थी। इसके चलते उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
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अब उन्हें पता चला है कि वह इस मामले में कार्रवाई करा सकते हैं। इसलिए मामले में देरी हुई है। गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश साह ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में नगर पालिका, जलसंस्थान के तत्कालीन अधिकारियों पर लापरवाही और एससी-एसटी के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
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