तीन माह तक चलेगा हरिद्वार अर्धकुंभ 2027, मकर संक्रांति से होगी शुरुआत; 20 अप्रैल को होगा अंतिम स्नान
हरिद्वार में 2027 में होने वाले अर्धकुंभ की तिथियाँ घोषित हो गई हैं। इस बार कुल 10 स्नान होंगे, जिसमें चार अमृत स्नान शामिल हैं। अर्धकुंभ की शुरुआत 2027 मकर संक्रांति से होगी और समापन 20 अप्रैल 2027 को होगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अखाड़ों के साथ बैठक में यह घोषणा की।

सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, हरिद्वार : वर्ष 2027 में हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ के स्नान की तिथियां घोषित हो गई हैं। अर्धकुंभ में कुल 10 स्नान होंगे। पहली बार चार अमृत स्नान होंगे। पहला अमृत स्नान छह मार्च और अंतिम 20 अप्रैल को होगा।
तीन माह चलने वाले इस अर्धकुंभ की शुरुआत 14 जनवरी 2027 को मकर संक्रांति पर्व पर होगी। शुक्रवार को डामकोठी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ हुई सभी 13 अखाड़ों के प्रतिनिधियों की बैठक यह घोषणा की गई।
पिछले लंबे समय से अर्धकुंभ को लेकर अखाड़ों के बीच तमाम मतभेद थे। शुक्रवार को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में अखाड़ों की बैठक हुई जिसमें सभी मतभेद दूर कर लिए गए। इस मौके पर अर्धकुंभ के आयोजन को लेकर विस्तृत चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री ने सुझाव मांगे और संतों की राय के अनुसार अर्धकुंभ की तैयारियों को आगे बढ़ाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि सभी निर्णयों में संत परंपराओं, आवश्यकताओं और सुविधाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
सौभाग्य से अर्धकुंभ के सुव्यवस्थित एवं भव्य आयोजन के लिए संतों का आशीर्वाद और मार्गदर्शन मिल रहा है, अन्यथा इस महायोजना की पूर्णता की कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देवभूमि को विश्व की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित करने का आह्वान किया है। सरकार इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है।
-पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री उत्तराखंड
मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अखाड़ों के आपसी मतभेद समाप्त हो गए हैं। सभी अखाड़े सरकार के साथ हैं और अब कुंभ मेले की भव्य तैयारी करेंगे और तय तिथियों पर अमृत स्नान करेंगे। कुंभ की तरह हरिद्वार में धर्मध्वजा स्थापित की जाएंगी और अखाड़ों की छावनियां लगेंगी। अब अर्धकुंभ को पूर्णकुंभ नहीं, महाकुंभ की तरह आयोजित किया जाएगा।
-श्रीमहंत रविंद्र पुरी, अध्यक्ष, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद
अर्धकुंभ-2027 के प्रमुख पर्व स्नान
- 14 जनवरी : मकर संक्रांति
- 6 फरवरी : मौनी अमावस्या
- 11 फरवरी : वसंत पंचमी
- 20 फरवरी : माघ पूर्णिमा
चार अमृत स्नान
- 6 मार्च : महाशिवरात्रि
- 8 मार्च : सोमवती अमावस्या
- 14 अप्रैल : मेष संक्रांति
- 20 अप्रैल : चैत्र पूर्णिमा
अन्य स्नान
- 7 अप्रैल : नव संवत्सर
- 15 अप्रैल : रामनवमी
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