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    Year Ender 2025: उत्तराखंड में हुए 38वें राष्ट्रीय खेल रहे ऐतिहासिक, देवभूमि को खेलभूमि बनाने की राह प्रशस्त

    By VIKAS GUSAINEdited By: Sunil Negi
    Updated: Wed, 31 Dec 2025 02:30 AM (IST)

    उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल ऐतिहासिक रहे, जहां राज्य ने 103 पदक जीतकर सातवां स्थान प्राप्त किया। सरकार ने खेल अवस्थापना सुविधाओं का विकास ...और पढ़ें

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    उत्तराखंड में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल के दौरान आयोजित प्रतियोगिता में दमखम दिखते खिलाड़ी।

    विकास गुसाईं, जागरण देहरादून: उत्तराखंड के रजत जयंती वर्ष में आयोजित 38वें राष्ट्रीय खेल कई मायनों से ऐतिहासिक रहे। राज्य ने राष्ट्रीय खेलों में न केवल पदकों का शतक जमाया, बल्कि तालिका में सातवां स्थान भी प्राप्त किया। इसमें खिलाड़ियों का योगदान तो है ही, साथ ही सरकार व खेल विभाग की भूमिका भी अत्यंत महत्वपूर्ण रही।

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    सरकार ने न केवल राज्य में खेल अवस्थापना सुविधाओं को विकसित किया, बल्कि खिलाड़ियों को भी प्रोत्साहित करने में कोई कमी नहीं छोड़ी। नतीजा उत्तराखंड के खिलाड़ियों ने रिकार्डतोड़ प्रदर्शन रहा। उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के लिए खेल के आधारभूत ढांचे में बढ़ा बदलाव देखने को मिला है। चाहे वह देहरादून हो, हल्द्वानी या फिर रुद्रपुर, यहां सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं को विकसित किया।

    हल्द्वानी में अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबाल स्टेडियम बन गया है, जहां अब बड़े स्तर की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा सकेगा। महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कालेज में भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज व एथलेटिक्स ट्रेक बना है। रुद्रपुर में बनाया गया वेलोड्रम राष्ट्रीय स्तर का है। यहां खेलने आए सभी खिलाड़ियों ने राज्य में खेलों के लिए विकसित की गई अवस्थापना सुविधाओं की तारीफ की।

    विशेष बात यह रही कि इन खेलों ने राज्य की कई छिपी प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया। इसमें शहरों के साथ ही ग्रामीण परिवेश से आए खिलाड़ी भी शामिल रहे। इससे यह बात साबित हो गई कि खेल प्रतिभाएं सिर्फ बड़े शहरों तक सीमित नहीं हैं, जरूरत इन्हें मंच उपलब्ध कराने की है, जो सरकार ने इन्हें दिया।

    पदक विजेताओं को सरकार ने दिया हौसला

    उत्तराखंड में हुए राष्ट्रीय खेलों में प्रदेश के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। सरकार ने राष्ट्रीय खेल शुरू होने से पहले सभी पदक विजेताओं को दोगुनी पुरस्कार राशि देने का वादा किया। इसके तहत स्वर्ण पदक पर छह लाख से बढ़ाकर 12 लाख, रजत पदक पर चार लाख से बढ़ाकर आठ लाख और कांस्य पदक पर तीन लाख से बढ़ाकर छह लाख रुपये देने की घोषणा की।

    सरकार के इस कदम से खिलाड़ियों का जोश दोगुना हुआ। यही कारण रहा कि उत्तराखंड ने रिकार्डतोड़ प्रदर्शन करते हुए 103 पद अपनी झोली में डाले। व्यक्तिगत व टीम स्पर्धा में कुल 197 खिलाड़ियों ने पदक प्राप्त किए।

    राष्ट्रीय खेलों में उत्तराखंड का प्रदर्शन

    • स्वर्ण- 24
    • रजत- 35
    • कांस्य-44
    • कुल - 103

    हर साल तैयार होंगे एक हजार एथलीट

    उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेलों के दौरान विकसित की गई अवस्थापना सुविधाएं अब खिलाड़ियां के लिए इस्तेमाल की जाएंगी। सरकार ऐसे स्थानों पर 23 खेल अकादमियों की स्थापना करने की तैयारी कर रही है। ये खेल अकादमी हर साल तकरीबन एक हजार उत्कृष्ट एथलीट तैयार करेंगी। इसके साथ ही हर एकेडमी में 1000 वाक इन एथलीट भी तैयार किए जाएंगे। सरकार ने राष्ट्रीय खेलों के दौरान जिस लिगेसी प्लान की घोषणा की थी उसकी रूपरेखा तैयार कर ली गई है।

    दरअसल, राष्ट्रीय खेलों के दौरान प्रदेश में खेलों के लिए 517 करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न स्टेडियम तैयार किए गए। इसके अलावा राष्ट्रीय खेल कराने के लिए कुल 31 खेल विधाओं में तकरीबन 94 करोड़ रुपये की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल उपकरण भी खरीदे गए। इस तरह खेल विभाग के पास 1300 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जमा हो गई हैं। इन सभी परिसंपत्तियों की देखभाल और इनके संचालन के लिए यह लिगेसी प्लान तैयार किया गया है। इसके तहत प्रदेश के विभिन्न शहरों में कुल 23 खेल अकादमी बनाई जाएंगी।

    उत्तराखंड में मौजूद खेल सुविधाएं

    • आउटडोर और इनडोर मैदान - 155
    • जिम - 55
    • स्टेडियम और मिनी स्टेडियम - 52
    • बहुउद्देशीय हाल -28
    • एथलेटिक ट्रैक (सिंथेटिक) - 5
    • एस्ट्रो टर्फ (हाकी) - 2
    • शूटिंग रेंज - 1
    • पर्वतारोहण केंद्र - 1
    • लान-बाल मैदान - 1
    • वेलोड्रोम - 1
    • साहसिक प्रशिक्षण संस्थान - 1

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