लोक विधाओं का संरक्षण करने वालों को मिला राज्य वाद्य यंत्र सम्मान
जागर संरक्षण दिवस धूमधाम से मनाया। समारोह में अलग-अलग विधाओं में काम करने वाली विभूतियों को राज्य वाद्य यंत्र सम्मान दिया गया।
देहरादून, जेएनएन। डांडी-कांठी क्लब ने जागर संरक्षण दिवस धूमधाम से मनाया। समारोह में अलग-अलग विधाओं में काम करने वाली विभूतियों को राज्य वाद्य यंत्र सम्मान दिया गया।
नगर निगम के टाउन हॉल में मंगलवार को समारोह का शुभारंभ पुलिस महानिदेशक अनिल रतूड़ी, सांसद अजय भट्ट, महापौर सुनील उनियला गामा ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोक संस्कृति, परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है। संस्कृति ही किसी भी इंसान की विशिष्ट पहचान होती है। ऐसे आयोजनों से संस्कृति, कला और विधा को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने में मदद मिलती है।
इसके बाद जागर सम्राट के नाम से विख्यात डॉ. प्रीतम भरतवाण ने जागर गाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस मौके पर डीजपी अनिल रतूड़ी, वरिष्ठ साहित्यकार सोमवारी लाल उनियाल उर्फ प्रदीप, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के पूर्व सचिव पीसी वर्मा, जौनसारी जनजाति कलाकार नंदलाल भारती, पारंपरिक जागरी रोशन लाल, बांसुरी वादक दिनेश कुमार, ढोल वादक सोहन लाल, पारंपरिक भोज कुक गोविंद प्रसाद सेमवाल को राज्य वाद्य यंत्र सम्मान से नवाजा गया।
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इस मौके पर युवा गायक गीताराम कंसवाल के गीत मेरू गढ़ देश का भी लोकार्पण किया गया। लोक कलाकारों ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किए। इस अवसर पर लाइफ केयर पैथलॉजी सेंटर की ओर से लोगों को डेंगू आदि की जांच और चिकित्सकीय परामर्श भी दिया गया। इस दौरान क्लब अध्यक्ष विजय भूषण उनियाल, कृष्णानंद भट्ट, प्रकाश बडोनी, एमपी उनियाल, सुभाष रतूड़ी, नीरज उनियाल, चंद्रदत्त सुयाल, ललित मोहन लखेड़ा, जय सिंह, सुभाष बिजल्वाण, आशीष बिष्ट आदि मौजूद थे।
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