Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    ई-बुक को फायदेमंद नहीं मानते फिल्म मेकर यशस्वी जुयाल Dehradun News

    By Edited By:
    Updated: Wed, 18 Sep 2019 07:10 AM (IST)

    फिल्म मेकर यशस्वी जुयाल का मानना है कि लाइब्रेरी की किताबों में जो खुशबू है वह खुशबू ऑनलाइन किताबें पढ़ने में कहां मिलती है। वह ई-बुक को फायदेमंद नहीं मानते हैं।

    ई-बुक को फायदेमंद नहीं मानते फिल्म मेकर यशस्वी जुयाल Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। फिल्म मेकर यशस्वी जुयाल का मानना है कि लाइब्रेरी की किताबों में जो खुशबू है वह खुशबू ऑनलाइन किताबें पढ़ने में कहां मिलती है। उन्होंने रविवार को बुकन‌र्ड्स संस्था के किताबों पर आयोजित लिटफ्लिक्स कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा कि वह ई-बुक को फायदेमंद नहीं मानते हैं। इस मौके पर उन्होंने कुछ किताबों पर भी चर्चा की। उन्होंने किताब और वेब सीरीज प्रेमियों को बताया कि कैसे किताबों के महत्वपूर्ण अध्याय का चयन कर उन्हें वेब सीरीज के आठ एपिसोड में दिखाया जाता है। जिसमें अफिक्शन भी शामिल रहती है, इसलिए हमें किताबें पढ़नी चाहिए। 

    उन्होंने कहा कि किताबों में जो कहानी होती है वह वेब सीरीज में बहुत कम देखने को मिलती है। इस मौके पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया। इसमें डॉ. राजन और शशांक ने पहला स्थान हासिल किया। वहीं मंडल कार्यशाला में शशांक और नरेंद्र विजयी रहे। 

    बुकन‌र्ड्स की संस्थापक नेहा राज ने बताया कि संस्था की शुरुआत 2015 में की गई। इसके अभी तक 130 से अधिक कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं और वह अपने पति रोहन राज के साथ मिलकर अभी तक 50 लेखकों को सम्मानित कर चुकी हैं। 

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में फिल्माया जाएगा रियलिटी शो सीक्रेट्स ऑफ जंगल

    दादा की लव स्टोरी को पांच मिनट की शॉर्ट फिल्म में पिरोया 

    यशस्वी ने बताया कि उन्हें अपना ऑफिस बनाते समय संदूक में अपने दादा जी का एक लेटर मिला। जो उन्होंने उनकी दादी को लिखा था, जब वह उनसे नाराज थे। यशस्वी ने बताया कि उन्होंने अपने दादा जी के इस लवलेटर को पांच मिनट की शॉर्ट फिल्म में पिरोया है। इसे वह जल्द धर्मशाला में लांच करेंगे। इससे पहले वह अपनी दादी के जीवन पर भी शॉर्ट फिल्म बना चुके हैं। उन्हें उत्तराखंड से प्यार है। इसलिए वह बहुत जल्द उत्तराखंड में हो रहे पलायन पर एक शॉर्ट फिल्म बनाएंगे।

    यह भी पढ़ें: हिमालयन कॉलेज में स्मित मिस्टर और संस्कृति मिस फ्रेशर बनी Dehradun News