Move to Jagran APP

उत्तराखंड में वेटलैंड की अब बदलेगी तस्वीर, संरक्षण को धरातल पर उतरेगी प्रभावी कार्ययोजना

उत्तराखंड में अब नमभूमि क्षेत्र यानी वेटलैंड की तस्वीर बदलेगी। राज्य में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि में फैले छोटे-बड़े 994 वेटलैंड चिह्नित किए गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 04:16 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 04:16 PM (IST)
उत्तराखंड में वेटलैंड की अब बदलेगी तस्वीर, संरक्षण को धरातल पर उतरेगी प्रभावी कार्ययोजना
उत्तराखंड में वेटलैंड की अब बदलेगी तस्वीर, संरक्षण को धरातल पर उतरेगी प्रभावी कार्ययोजना

देहरादून, राज्य ब्यूरो। विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड में अब नमभूमि क्षेत्र यानी वेटलैंड की तस्वीर बदलेगी। राज्य में करीब एक लाख हेक्टेयर भूमि में फैले छोटे-बड़े 994 वेटलैंड चिह्नित किए गए हैं। वन क्षेत्र से बाहर के वेटलैंड को अधिग्रहीत किया जाएगा। साथ ही इनके संरक्षण के लिए प्रभावी कार्ययोजना को धरातल पर उतारा जाएगा। इसके लिए उत्तराखंड वेटलैंड कंजर्वेशन अथॉरिटी को सशक्त किया गया है। अब वह विभिन्न कार्यों के मद्देनजर तकनीकी समिति के साथ ही शिकायत प्रकोष्ठ का गठन भी करने जा रहा है। 

loksabha election banner

केंद्र सरकार के वेटलैंड कंजर्वेशन एंड मैनेजमेंट एक्ट के तहत हर राज्य को अपने यहां वेटलैंड कंजर्वेशन अथॉरिटी का गठन अनिवार्य है। इस कड़ी में 2017 से राज्य में पहल चल रही है। एक्ट की मंशा के अनुरूप वेटलैंड में न सिर्फ भूजल स्तर को बढ़ाने, बल्कि जैवविविधता के संरक्षण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाना है। इसी के तहत अब राज्य में 994 वेटलैंड चिह्नित किए गए हैं। इनमें 97 ऐसे हैं, जो वन क्षेत्र से बाहर हैं। 

एक्ट की भावना के अनुरूप राज्य में पूर्व में वेटलैंड कंजर्वेशन अथॉरिटी गठित हुई, लेकिन अब इसे सशक्त बनाया गया है। शासन ने पिछले वर्ष अथॉरिटी से संबंधित पुराने आदेशों को अतिक्रमित करते हुए 16 अक्टूबर को प्राधिकरण का गठन किया। साथ ही उसे सशक्त भी बनाया गया है। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक जय राज बताते हैं कि अब प्राधिकरण को अधिकार दिया गया है कि वह विभिन्न कार्यों के लिए तकनीकी समिति गठित करे। साथ ही शिकायतें दर्ज कराने के लिए शिकायत प्रकोष्ठ भी गठित किया जा रहा है। 

यह भी पढ़ें: दून के आसन वेटलैंड में जनवरी में हो सकती है मेहमान परिंदों की गणना

अथॉरिटी अब सभी वेटलैंड के संरक्षण की कार्ययोजना तैयार कर वित्तीय व अन्य संसाधन भी जुटाएगी। जहां वेटलैंड ग्राम पंचायत अथवा अन्य संस्थाओं के कार्यक्षेत्र में हैं, वहां कम्युनिटी के माध्यम से कार्य कराए जाएंगे। अलबत्ता, इन सबकी मॉनीटरिंग अथॉरिटी करेगी। साथ ही वेटलैंड को भी अधिसूचित किया जाएगा। अधिसूचना के बाद सभी वेटलैंड पर फॉरेस्ट कंजर्वेशन एकट लागू हो जाएगा। 

यह भी पढ़ें: आसन बैराज में अब करीब से करें परिंदों का दीदार, पढ़िए पूरी खबर

आसन और झिलमिल पर फोकस 

बारहसिंघों के एकमात्र वासस्थल झिलमिल (हरिद्वार) और प्रवासी परिंदों के लिए मशहूर आसन (विकासनगर) वेटलैंड पर अथॉरिटी खास ध्यान केंद्रित करने जा रही है। इसके तहत दोनों वेटलैंड में भूजल स्तर बढ़ाने और जैव विविधता संरक्षण संबंधी कार्यों की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में राष्ट्रीय उद्यानों की सैर महंगी, ड्रोन से फोटोग्राफी पर भी लगेगा शुल्क


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.