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उत्‍तराखंड में बदला मौसम, भारी बारिश का अलर्ट; यात्री रहें सावधान

मौसम विभाग ने तीन जुलाई तक राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। इस दौरान यात्रियों को सावधान रहने की सलाह दी गई है।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sun, 01 Jul 2018 08:26 AM (IST)Updated: Mon, 02 Jul 2018 05:30 PM (IST)
उत्‍तराखंड में बदला मौसम, भारी बारिश का अलर्ट; यात्री रहें सावधान
उत्‍तराखंड में बदला मौसम, भारी बारिश का अलर्ट; यात्री रहें सावधान

देहरादून, [जेएनएन]: उत्तराखंड में जनजीवन पर मौसम के तेवर भारी पड़ने लगे हैं। मौसम विभाग ने तीन जुलाई तक राज्य में भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया है। इस दौरान यात्रियों को सावधान रहने की सलाह दी गई है। हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के आदेश दिए हैं। आपदा प्रबंधन से जुड़े महकमों को तैयार रहने के लिए कहा गया है। आज सूबे में मौसम का मिजाज बदल गया। बारिश से तापमान में गिरावट आ गई।

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राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि तीस जून से प्रदेश में भारी बारिश के आसार हैं। उन्होंने बताया कि 30 जून और एक जुलाई को गढ़वाल मंडल में मौसम के तेवर तल्ख रहेंगे, जबकि एक और दो जुलाई को कुमाऊं मंडल में तेज बारिश के आसार बन रहे हैं। उन्होंने सलाह दी कि इस दौरान यात्रियों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों का जायजा लेना था, लेकिन खराब मौसम के कारण उनका दौरा स्थगित कर दिया गया।

दूसरी ओर कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भी हालात गंभीर हैं। धारचूला तहसील की दोनों उच्च हिमालयी घाटियों सहित चौदास घाटी का सड़क सम्पर्क दूसरे दिन भी बंद रहा। तवाघाट-लखनपुर मार्ग ब्यालधार के पास दस मीटर बह गया है। दारमा मार्ग पंपावे में बंद हो गया है। नारायण आश्रम मार्ग में भी मलबा आया है। मुनस्यारी में गिनी बैंड-समकोट और बांसबगड़-कोटा पंद्रहपाला मार्ग यातायात के लिए बंद हो चुके हैं।

22 घंटे बाद खुला यमुनोत्री हाईवे

यमुनोत्री हाईवे पर प्रमुख पड़ाव बड़कोट के पास सक्रिय भूस्खलन जोन प्रशासन के लिए सिरदर्द बन चुका है। शुक्रवार दोपहर से ही यहां पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। करीब चार बजे किसी तरह मार्ग सुचारु किया गया तो यमुनोत्री से लौट रहे कुछ वाहन निकल सके, लेकिन इसके बाद मार्ग पर फिर मलबा आ गया। पूरी रात दरकती पहाड़ी के कारण 500 से ज्यादा यात्री स्यानाचट्टी में फंसे रहे। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया यात्रियों के ठहरने और खाने-पीने का इंतजाम प्रशासन ने किया। कहा कि शनिवार दोपहर बाद तीन बजे यातायात सुचारु कर दिया गया है। हालांकि हल्की बारिश में भी वहां भूस्खलन की आशंका बनी हुई है। 

कैलास मानसरोवर यात्रा के 32 श्रद्धालु नहीं जा सके गुंजी

खराब मौसम का असर कैलास मानसरोवर यात्रा दल पर भी पड़ा। शुक्रवार सुबह दल में शामिल 50 यात्रियों में 28 को हेलीकॉप्टर से गुंजी पहुंचाया जा सका, लेकिन इसी बीच मौसम खराब हो गया और हेलीकॉप्टर उड़ान नहीं भर पाए। अब शेष यात्रियों को रविवार सुबह पहुंचाया जाएगा। 

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