Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेयजल किल्लत को लेकर जल संस्थान कार्यालय पहुंचे लोग, नहीं सुनी गई समस्या

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Tue, 26 May 2020 01:19 PM (IST)

    ऋषिकेश केे बनखंडी में इनदिनों कई क्षेत्र पीने के पानी के संकट से जूझ रहे हैं। यहां गली नंबर सात की बड़ी आबादी पिछले एक हफ्ते से पानी को लेकर परेशान है।

    पेयजल किल्लत को लेकर जल संस्थान कार्यालय पहुंचे लोग, नहीं सुनी गई समस्या

    ऋषिकेश, जेएनएन। बढ़ती गर्मी के साथ ही ऋषिकेश केे बनखंडी में इनदिनों कई क्षेत्र पीने के पानी के संकट से जूझ रहे हैं। यहां गली नंबर सात की बड़ी आबादी पिचले एक हफ्ते से पानी को लेकर परेशान है। समस्या को दूर करने के लिए विभाग की ओर से पानी का टैंकर भेजा गया, लेकिन उसका पानी पीने लायक नहीं है। इसपर मंगलवार को कुछ ग्रामीण जल संस्थान के कार्यालय पहुंचे, जहां उनकी समस्या को सुना तक नहीं गया।    

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    दरअसल, तीन दशक में क्षेत्र की आबादी काफी बढ़ गई है। ऐसे में गर्मियों के मौसम में पानी की खपत बढ़ना भी लाजिमी है, लेकिन दिक्कत ये है कि क्षेत्र में करीब तीस साल पहले बिछाई गई पानी की लाइन में कई जगह ब्लॉकेज आ गए हैं और तीन इंची लाइन में पानी का प्रेशर भी कम है। इससे लोगों के सामने पीने के पानी की समस्या खड़ी हो गई है। 

    स्थानीय नागरिक और शिक्षक दिनेश कुमार शर्मा ने बताया कि विभाग के सहायक अभियंता को कई बार शिकायत की गई, लेकिन इस मामले को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है। पिछले एक हफ्ते से पानी की समस्या बनी हुई है। विभाग की ओर से टैंकर भेजा जा रहा है, लेकिन टैंकर का पानी पीने के लायक नहीं है। 

    यह भी पढ़ें: गर्मी से उखड़ने लगीं पेयजल व्यवस्था की सांसें, नहीं मिल रहा पर्याप्त पानी Dehradun News

    मंगलवार को लॉकडाउन को देखते हुए सीमित संख्या में कुछ लोग इस समस्या को लेकर जल संस्थान के कार्यालय पहुंचे। सहायक अभियंता समेत अन्य लोग कार्यालय के भीतर मौजूद थे, लेकिन उनकी बात को सुनने के लिए किसी ने  भी बाहर आने की जहमत तक नहीं उठाई। उल्टा उन्होंने कार्यालय के बाहर लॉकडाउन की चेतावनी का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। इस रवैये को देख आखिर में मजबूर होकर स्थानीय लोग दरवाजे के नीचे से मांग पत्र सरकाने लगे तब जाकर एक कर्मचारी ने उनका शिकायत पत्र लिया।

    यह भी पढ़ें: उत्‍तराखंड के 1148 ग्रामीण और शहरी बस्तियों को पेयजल संकट से राहत