उत्तराखंड के इस जिले में मंडराया पेयजल संकट, टैंकर मंगवाकर प्यास बुझाने के मजबूत ग्रामीण
विकासनगर के तिमली गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। जल जीवन मिशन के तहत बने टैंक से कनेक्शन नहीं जुड़ने और पुरानी योजना से पानी न पहुंचने के कारण पांच हजार लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं। ग्रामीण टैंकर मंगवाकर प्यास बुझा रहे हैं जिससे उनपर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। अधिकारियों से शिकायत के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हो पाया है।

संवाद सहयोगी, विकासनगर। सहसपुर विधानसभा के सीमांत गांव तिमली में पेयजल संकट गहरा गया है। जल जीवन मिशन के तहत निर्मित ओवरहेड टैंक से अभी तक कनेक्शन नहीं जोड़े गए हैं। जबकि पुरानी पेयजल योजना से ऊंचाई वाले हिस्सों में पानी नहीं पहुंच रहा है।
इस स्थिति के कारण लगभग पांच हजार की आबादी को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों को अपनी प्यास बुझाने के लिए टैंकर मंगवाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
गांव में लगे नल शोपीस बनकर रह गए हैं, क्योंकि नल से एक बूंद पानी भी नहीं आ रहा है। ऐसे में ग्रामीण अपने खर्च पर टैंकर मंगवाकर किसी तरह अपनी प्यास बुझा रहे हैं। इसके बावजूद न तो किसी जनप्रतिनिधि का ध्यान इस समस्या की ओर जा रहा है और न ही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इसे हल करने के प्रति गंभीर दिखाई दे रहे हैं।
तिमली गांव के लोग वर्तमान में बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। सरकार के जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। तिमली के हालात यह दर्शाते हैं कि ये दावे केवल कागजों तक सीमित हैं।
गांव की पांच हजार की आबादी अपनी प्यास बुझाने के लिए स्वयं के खर्च से टैंकर मंगवा रही है। टैंकर से पानी पर्याप्त न होने पर ग्रामीण बाल्टियां उठाकर नेशनल हाईवे पार कर दूर स्थित गांव से पानी लाने को मजबूर हैं।
इस दौरान नेशनल हाईवे पार करते समय दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है, फिर भी ग्रामीणों को यह जोखिम उठाना पड़ रहा है।
ग्रामीण मशकुर अली, इस्ताक, मोहम्मद इशाक, परवीन, मदन, अजय कश्यप, सायरा, शाहीद, रिजवान आदि ने बताया कि गांव में लगे दो ट्यूबवेल भी बंद पड़े हैं। पानी के लिए दिन-रात भटकना पड़ता है, और सबसे अधिक परेशानी महिलाओं को झेलनी पड़ती है। उन्हें कपड़े और बर्तन धोने के लिए पानी दूर से लाना पड़ता है।
गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति भी इतनी मजबूत नहीं है कि वे रोज-रोज पानी टैंकर मंगवा सकें। प्रधान ने कई बार विभागीय अधिकारियों को समस्या के बारे में बताया है। जल संस्थान के अधिकारी अमित रावत का कहना है कि जल्द ही समस्या का समाधान करने का प्रयास किया जा रहा है।
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