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नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले का इंतजार बढ़ा, पढ़िए पूरी खबर

उत्‍तराखंड में नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले का इंतजार और बढ़ गया है। कारण ये कि राज्य के 16 नर्सिंग कॉलेजों का अप्रूवल अब तक नहीं हुआ है।

By Edited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 03:00 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 12:08 PM (IST)
नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले का इंतजार बढ़ा, पढ़िए पूरी खबर
नर्सिंग और पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले का इंतजार बढ़ा, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। प्रदेश में नर्सिंग व पैरामेडिकल कोर्स में दाखिले का इंतजार और बढ़ गया है। कारण ये कि राज्य के 16 नर्सिंग कॉलेजों का अप्रूवल अब तक नहीं हुआ है। इनमें पांच सरकारी कॉलेज भी शामिल हैं। यही वजह है कि नर्सिग व पैरामेडिकल कोर्स की काउंसिलिंग भी अटक गई है।

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दरअसल, पूर्व व्यवस्था के तहत इंडियन नर्सिग काउंसिल संबंधित संस्थान का निरीक्षण कर मानक पूरे होने की स्थिति में मान्यता देती थी। पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत व्यवस्था बदल गई। अब नर्सिग संस्थानों के निरीक्षण का जिम्मा स्टेट नर्सिग काउंसिल संभाल रही है। वह अपनी रिपोर्ट इंडियन नर्सिग काउंसिल को भेजती है। जिसपर आइएनसी मान्यता देती है। पर प्रदेश में 16 कॉलेज ऐसे हैं, जिनका अभी भी निरीक्षण नहीं हुआ है। 

कारण यह कि उत्तराखंड मेडिकल फैकल्टी एवं अन्य संबद्ध परिषद पहले स्वास्थ्य विभाग के अधीन थे। पर जुलाई माह में इनका नियंत्रण चिकित्सा शिक्षा विभाग को दे दिया गया। अभी तक स्वास्थ्य महानिदेशक नर्सिग काउंसिल के अध्यक्ष हुआ करते थे और उन्हीं के स्तर से कॉलेजों के निरीक्षण के लिए कमेटी गठित की जाती थी। अब समस्या यह है कि अधिकार हस्तांतरित होने के बाद भी व्यवस्था नहीं बन पाई है। जिस कारण न केवल कॉलेजों का निरीक्षण लटका बल्कि नर्सिग एवं पैरामेडिकल कोर्स की काउंसिलिंग भी लटक गई है। 

बता दें, एचएनबी मेडिकल यूनिवर्सिटी ने जुलाई में प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी। अगस्त में इसका परिणाम भी घोषित कर दिया गया है। विवि प्रशासन का दावा था कि सितम्बर प्रथम सप्ताह में काउंसिलिंग शुरू कर दी जाएगी। पर कॉलेजों की अप्रूवल पर लगे अडंगे के कारण विवि काउंसिलिंग शुरू नहीं करा पाया है। कॉलेजों के निरीक्षण में भी अभी वक्त लगेगा। ऐसे में सितम्बर अंत तक भी काउंसिलिंग के आसार नहीं बन रहे हैं। 

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डॉ. आरके पांडे (महानिदेशक स्वास्थ्य) का कहना है कि उत्तराखंड मेडिकल फैकल्टी एवं अन्य संबद्ध परिषदों को स्वास्थ्य विभाग से चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में दे दिया गया है। ऐसे में उक्त कार्रवाई अब चिकित्सा शिक्षा विभाग के स्तर पर ही होगी।

एलडी सेमवाल (रजिस्ट्रार स्टेट नर्सिग काउंसिल) का कहना है कि कॉलेजों का निरीक्षण संबंधी आदेश मिलते ही इस और कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी। इनमें कोई कॉलेज नया नहीं है। ऐसे में मुख्य रूप से फैकल्टी आदि की पड़ताल करनी है। यह काम अगले एक पखवाड़े में पूरा कर लिया जाएगा।

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