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    VPDO Bharti Scam : 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पास कराने का लिया था ठेका, एक से लिए गए छह से सात लाख रुपये

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 09 Oct 2022 10:22 AM (IST)

    VPDO Bharti Scam ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा में आरोपितों ने 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। परीक्षा में किए गए घपले का भेद खुलने पर हंगामा शुरू हुआ तो आरबीएस रावत ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।

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    VPDO Bharti Scam : आरोपितों ने 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था।

    जागरण संवाददाता, देहरादून : VPDO Bharti Scam : ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा में आरोपितों ने 100 से अधिक अभ्यर्थियों को पास कराने का ठेका लिया था। एसटीएफ से जुड़े सूत्रों की मानें तो इसके लिए हर अभ्यर्थी से छह से सात लाख रुपये लिए गए।

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    इस तरह यूकेएसएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष आरबीएस रावत, सचिव मनोहर सिंह कन्याल और परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया ने करोड़ों की संपत्ति अर्जित कर ली। परीक्षा में किए गए घपले का भेद खुलने पर हंगामा शुरू हुआ तो आरबीएस रावत ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।

    ग्राम पंचायत विकास अधिकारी की भर्ती परीक्षा में जिस गिरोह ने घपले को अंजाम दिया, उसमें कुल सात लोग शामिल थे। आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व परीक्षा नियंत्रक गिरोह के सरगना थे, जबकि प्रिंटिंग प्रेस के सीईओ राजेश पाल व तीन अन्य सहयोगी की भूमिका में थे। इनमें से दो आरोपितों को एसटीएफ ने जांच में गवाह बना दिया है।

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    रावत ने आयोग के एक सदस्य और अनुसचिव पर लगाया था आरोप

    परीक्षा में किया गया घपला जगजाहिर होने पर हंगामा शुरू हुआ तो आरबीएस रावत ने आयोग के ही एक सदस्य और अनुसचिव पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। नौ जुलाई 2016 को उन्होंने शासन को पत्र लिखकर कहा कि आयोग के एक सदस्य की बहु और भांजा परीक्षा में बैठे थे।

    आरोप लगाया कि परीक्षा में पास नहीं होने के कारण वह झूठी शिकायत कर दोबारा परीक्षा का दबाव बना रहे हैं। अनुसचिव पर आरोप लगाया कि उनके तीन बच्चे परीक्षा में पास नहीं हो पाए, इसलिए वह भी परीक्षा निरस्त कराने को जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। हालांकि, इसके बाद रावत ने खुद पद से इस्तीफा दे दिया था।

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    OMR शीट की स्कैनिंग को किराये पर लिया था कन्याल का मकान

    ओएमआर शीट की स्कैनिंग के लिए तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल का पित्थूवाला स्थित मकान किराये पर लिया गया था। यह मकान कन्याल की पत्नी के नाम पर है। इसी मकान में ओएमआर शीट की स्कैनिंग की आड़ में घपलेबाजी की गई। आरोपितों ने जिन अभ्यर्थियों से सांठगांठ की थी, उनको ओएमआर शीट में गोले न भरने के लिए कहा था।

    ओएमआर शीट स्कैनिंग के लिए आई तो आरोपितों ने खुद गोले भर दिए। जांच के दौरान एसटीएफ ने 30 से अधिक अभ्यर्थियों को चिह्नित कर उनकी ओएमआर शीट का मिलान किया तो गड़बड़ी पकड़ी गई। इस मामले में गवाह बनाए गए दो आरोपितों ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हकीकत एसटीएफ को बता दी, जिसके बाद एसटीएफ को आरोपितों को दबोचने के लिए अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी।