Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Uttarakhand Bharti Scam: सचिव के घर तैयार हुआ परिणाम, जिन्‍हें नौकरी देनी थी उनकी OMR शीट पर खुद किए गोले काले

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Sun, 09 Oct 2022 09:18 AM (IST)

    Uttarakhand Bharti Scam परीक्षा छह मार्च 2016 को करवाई गई थी। इस मामले में एसटीएफ ने कई संदिग्ध अभ्यर्थियों से पूछताछ की तो मामले का राजफाश हुआ। सचिव मनोहर सिंह कन्याल ने परीक्षा की ओएमआर सीट अपने घर पर मंगवाई थी।

    Hero Image
    Uttarakhand Bharti Scam: गिरफ्तार डा. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल व पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया। जागरण

    जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Bharti Scam : वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी करने के सूत्रधार यूकेएसएसएससी के तत्कालीन अध्यक्ष डा. रघुबीर सिंह रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया रहे, जिन्होंने सचिव के घर को कार्यालय बना दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सचिव मनोहर सिंह कन्याल ने परीक्षा की ओएमआर सीट अपने घर पर मंगवाई। जिन अभ्यर्थियों को नौकरी दिलवानी थी, उनकी ओएमआर सीट में गोले काले कर दिए। इस मामले में एसटीएफ ने कई संदिग्ध अभ्यर्थियों से पूछताछ की तो मामले का राजफाश हुआ। एसटीएफ ने अभ्यर्थियों के बयान भी कोर्ट में दर्ज करवा दिए हैं।

    छह मार्च 2016 को करवाई गई थी परीक्षा

    भर्ती परीक्षा छह वर्षों में कई पड़ावों से गुजरी, जिसके बाद तीनों मुख्य आरोपितों की गिरफ्तारी हो पाई है। परीक्षा छह मार्च 2016 को करवाई गई। 30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया। परीक्षा में धांधली की बात सामने आने और विभिन्न शिकायतों के आधार पर शासन ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की।

    परीक्षा में अनियमितता की पुष्टि होने के कारण परिणाम को निरस्त किया गया। इसके बाद जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई। वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार परीक्षा में हुई अनियमितता के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को मिली।

    यह भी पढ़ें : Uttarakhand News: सीएम धामी ने कहा- केदार बाबा की सौगंध, भर्ती में गड़बड़ी करने वालों पर करूंगा कठोर कार्रवाई

    वर्ष 2020 में शासन की अनुमति के बाद मुकदमा कराया गया। वर्ष 2020 से वर्ष 2022 तक प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी। वर्ष 2022 के अगस्त में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर एसटीएफ को विवेचना स्थानांतरित हुई।

    मुख्यमंत्री के जीरो टालरेंस के सिद्धांत का पालन करते हुए एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने आयोग के पूर्व अध्यक्ष डा. रघुबीर सिंह रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया को पूछताछ के लिए एसटीएफ कार्यालय बुलाया। पूछताछ के बाद सभी आरोपितों को शनिवार को गिरफ्तार किया गया।

    यह भी पढ़ें : UKSSSC : भर्ती परीक्षा धांधली पर बड़ी कार्रवाई, STF ने पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत सहित तीन को किया गिरफ्तार

    पूर्व अध्यक्ष एस राजू को भी किया जाए गिरफ्तार: माहरा

    प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष डा आरबीएस रावत समेत तीन पूर्व अधिकारियों की गिरफ्तारी को बड़ा कदम बतस्वागत किया।

    साथ ही इसे पार्टी की जीत बताया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आयोग की वर्तमान भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के मामले में अन्य पूर्व अध्यक्ष एस राजू की गिरफ्तारी होनी चाहिए। अन्यथा वर्तमान कार्यवाही आधा न्याय कहलाएगी।

    मीडिया से बातचीत में माहरा ने कहा कि वर्ष 2017-18 में विधानसभा में उन्होंने ग्राम पंचायत विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा घपले को उठाया था। तत्कालीन विधायी एवं संसदीय कार्यमंत्री ने सरकार की ओर से जवाब दिया था कि भर्ती परीक्षा की उत्तरपुस्तिकाओं में छेड़छाड़ की पुष्टि जांच में हुई थी।

    यह भी पढ़ें : Uttarakhand Crime: धामी सरकार की बड़ी कार्रवाई, VPDO भर्ती घपले में चयन आयोग के पूर्व अध्यक्ष समेत 3 गिरफ्तार

    इस मामले में सरकार ने जांच समिति गठित की थी। उन्होंने कहा था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। दुर्भाग्य से कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई।

    माहरा ने कहा कि आरबीएस रावत की गिरफ्तारी बड़ा कदम है। अब दूसरे पूर्व अध्यक्ष एस राजू की गिरफ्तारी होनी चाहिए। देखना यह होगा कि सरकार इस मामले में कितनी पुख्ता तरीके से पैरवी करती है। आज ही बड़ी कार्रवाई हुई तो चार व्यक्तियों को जमानत भी मिली है। यह कमजोर पैरवी के कारण हुआ है।

    आरबीएस रावत से सख्ती से पूछताछ में कई तथ्य सामने आ सकते हैं। आयोग के तत्कालीन दो सदस्यों ने इस भर्ती परीक्षा पर सवाल उठाते हुए त्यागपत्र दे दिए थे।

    इसी कारण इस मामले को विधानसभा में उठाया था। एस राजू ने सफेदपोश नेताओं की ओर से दबाव बनाने का बयान दिया था। भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी के दौरान एस राजू जिम्मेदार पद पर थे। वह अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते।