देहरादून में एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के विरोध में उठी आवाज, कैंसिल करवाने को करेंगे एक लाख हस्ताक्षर
देहरादून में रिस्पना और बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना के विरोध में बस्ती बचाओ आंदोलन ने एक लाख हस्ताक्षर जुटाकर मुख्य सचिव को ज्ञापन देने का फैसला किया है। प्रभावित परिवारों को मालिकाना हक और बाढ़ पीड़ितों को सहायता देने की मांग की जा रही है। आंदोलनकारियों का कहना है कि इस परियोजना से बस्तियों में रहने वाले लोग परेशान हैं और उन्हें बेदखल होने का डर है।

बिंदाल में आयोजित बस्ती बचाओ आंदोलन की बैठक में बोले वक्ता.Concetp Photo
जागरण संवददाता, देहरादून। रिस्पना, बिंदाल एलिवेटेड रोड परियोजना को निरस्त कर बस्ती के लिए मालिकाना हक, बाढ़ प्रभावितों के लिए समुचित सहायता की मांग को लेकर बस्ती बचाओ आंदोलन प्रभावित परिवारों से एक लाख हस्ताक्षर एकत्रित कर मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपेगी। अब तक प्रभावितों से तकरीबन 40 हजार हस्ताक्षर एकत्रित कर लिए हैं।
गुरुवार को बिंदाल स्थित बस्ती में बैठक के दौरान वक्ताओं ने कहा है कि देहरादून की रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे बसे हजारों मेहनतकश परिवार आज भय और अनिश्चितता में हैं। स्थानीय निकाय चुनाव में मुख्यमंंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मलिन व कच्ची बस्ती वासियों को आश्वस्त किया था कि उन्हें बेदखल नहीं किया जाएगा। संयोजक अनंत आकाश ने कहा कि सरकार ने 6200 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड रोड परियोजना को मंजूरी दे दी है। जिससे बस्तियों में रहने वाले परेशान हैं।
रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे लगभग 150 से ज़्यादा बस्तियां हैं। उन्होंने हर प्रभावित परिवार को मालिकाना हक अथवा पुनर्वास देने,.एनजीटी के बेदखली आदेश पर रोक लगाने, शहर में सार्वजनिक परिवहन और बुनियादी ढांचे का विकास प्राथमिकता होने की मांग की। बैठक में सीआइटीयू के महामंत्री लेखराज, जनवादी महिला समिति की प्रदेश उपाध्यक्ष इंदु नौडियाल ,भगवंत, विप्लव अनंत ,नुरैशा अंसारी, सीमा, बिंदा मिश्रा, शबनम,रविंद्र नौडियाल आदि मौजूद रहे।

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