Uttarakhand News: दस माह में दो लाख से अधिक चालान, निस्तारित हुए मात्र 20 हजार
उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा ई-चालान प्रणाली लागू करने के बावजूद, निस्तारण की दर बहुत कम है। अक्टूबर तक जारी किए गए 2.26 लाख चालानों में से केवल 10% ही निस्तारित हो पाए हैं। अधिकांश वाहन मालिकों के मोबाइल नंबर अपडेट न होने के कारण उन्हें चालान की सूचना नहीं मिल पा रही है। विभाग ने जागरूकता अभियान चलाकर मोबाइल नंबर अपडेट कराने का निर्णय लिया है।

वाहनों की आरसी में मोबाइल नंबर अपडेट न होने के कारण आ रही परेशानी। जागरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। परिवहन विभाग ने ई-चालान की कार्रवाई तो शुरू की लेकिन इसके सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ पा रहे हैं। स्थिति यह है कि विभाग ने आटोमेटेड नंबर प्लेट रिकगनिशन कैमरे (एपीएनआर), रडार गन व इंटरसेप्टर के माध्यम से ऑनलाइन चालान कर रहा है।
इसके अपेक्षित परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस वर्ष अक्टूबर तक 2,26,498 वाहनों के चालान किए गए, इनमें से केवल 22812 यानी दस प्रतिशत भी निस्तारित नहीं हो पाए हैं।
प्रदेश में इस समय ई-चालान की व्यवस्था लागू की गई है। इसमें यातायात नियमों के उल्लंघन पर वाहन चालकों का चालान कर विभाग में दर्ज मोबाइल नंबर पर भेजा जा रहा है। इनमें से अधिकांश वाहनों के पंजीकरण विवरण में वाहन स्वामियों के मोबाइल नंबर अपडेट नहीं है।
ऐसे में उन्हें नए नंबरों पर चालान की सूचना नहीं मिल पा रही है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने सभी अधिकारियों को अपने जिलों में जनजागरूकता अभियान चलाते हुए वाहन स्वामियों का नया मोबाइल नंबर अपडेट करना सुनिश्चित करने को कहा है।
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अपर परिवहन आयुक्त एसके सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वाहनों के बीमा प्रमाण पत्र और प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र के रिन्यूअल के लिए आधार आधारित ओटीपी अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए भी मोबाइल नंबर अपडेट करना जरूरी हो गया है। ऐसे में वाहन स्वामियों को वाहन नंबर अपडेट करने के लिए जागरूक किया जाए।

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