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    ग्रामीण पर्यटन पर केंद्र सरकार का जोर, उत्‍तराखंड ने भी बढ़ाए कदम; चुने ये 18 गांव

    Village Tourism उत्तराखंड में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 18 गांवों का चयन किया है। इन गांवों को आयुष वेलनेस कृषि विरासत जैसे क्षेत्रों में पर्यटन के लिए विकसित किया जाएगा। इन गांवों में होमस्टे की पहल को भी बढ़ावा दिया जाएगा। प्रथम चरण में इस मुहिम में 18 गांव लिए गए हैं। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।

    By kedar dutt Edited By: Nirmala Bohra Updated: Sat, 21 Dec 2024 02:08 PM (IST)
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    Village Tourism: पर्यटन के लिए 18 गांव चयनित।

    राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। Village Tourism: ग्रामीण पर्यटन पर केंद्र सरकार विशेष जोर दे रही है और अब पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तराखंड ने भी इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। राज्य में पहली बार आयुष, वेलनेस, कृषि, विरासत जैसे क्षेत्रों में पर्यटन के लिए 18 गांव चयनित किए गए हैं।

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    इन्हें पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए टास्क फोर्स गठित की जाएगी। इसमें क्षेत्रवार संबंधित विभाग की मुख्य भूमिका रहेगी, जबकि अन्य विभाग उसके साथ सहयोगी के तौर पर योगदान देंगे। इन गांवों में होमस्टे की पहल को भी बढ़ावा दिया जाएगा, ताकि वहां पहुंचने वाले सैलानियों को रहने की दिक्कत न हो।

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    वर्ष 2022 से चल रही है कसरत

    राज्य में गांवों को पर्यटन से जोडऩे के उद्देश्य से कसरत वर्ष 2022 से चल रही है। इस कड़ी में पूर्व में कुछ गांवों में पर्यटन की दृष्टि से कदम उठाए गए थे, जिन्हें सराहना भी मिली। वर्ष 2023 में मुनस्यारी के सरमोली गांव केा बेस्ट रूरल टूरिज्म का पुरस्कार मिला था।

    इस वर्ष श्रेष्ठ पर्यटन गांवों की श्रेणी में जखोल (उत्तरकाशी) को साहसिक पर्यटन, सुप्पी (बागेश्वर) को कृषि पर्यटन और गुंजी व हर्षिल को वाइब्रेंट विलेज श्रेणी में केंद्र सरकार ने पुरस्कृत किया था।

    इससे उत्साहित सरकार ने अब राज्य में क्षेत्रवार पर्यटन ग्राम चयनित किए हैं। इनमें संबंधित क्षेत्र को बढ़ावा देने के साथ ही ट्रेकिग मार्ग, होम स्टे जैसे कदम उठाए जाएंगे। इस सबके दृष्टिगत इन चयनित 18 गांवों के लिए टास्क फोर्स गठित की जा रही है।

    उदाहरण के तौर पर देखें तो घेस गांव को आयुष पर्यटन के लिए विकसित किया जाना है। वहां होने वाले विकास कार्यों में आयुष विभाग मुख्य भूमिका में रहेगा, जबकि अन्य विभाग उसके सहयोगी के तौर पर कार्य करेंगे। टास्क फोर्स में इन विभागों के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। इसी तरह की पहल अन्य क्षेत्रवार चयनित गांवों के लिए की जाएगी।

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    पर्यटन की दृष्टि से चयनित उत्कृष्ट गांव

    • जिला- गांव - क्षेत्र
    • पिथौरागढ़- मदकोट - वेलनेस
    • पिथौरागढ़- गुंजी - वाइब्रेंट विलेज
    • अल्मोड़ा- माट (कसार देवी)- वेलनेस
    • बागेश्वर -लिति -समुदाय आधारित कृषि व साहसिक
    • चंपावत- श्यामताल व प्रेमनगर- वेलनेस व कृषि पर्यटन
    • चमोली - घेस -कृषि व साहसिक
    • चमोली- माणा - वाइब्रेंट विलेज व हस्तशिल्प
    • नैनीताल - पियोरा - वेलनेस व हस्तशिल्प
    • नैनीताल - छोटी हल्द्वानी (जिम कार्बेट गांव) - विरासत
    • टिहरी - सौड़ - समुदाय आधारित व साहसिक
    • पौड़ी - सिरसू -साहसिक
    • उत्तरकाशी - जखोल - कृषि व साहसिक
    • उत्तरकाशी - बगोरी- वाइब्रेंट विलेज
    • देहरादून- लाखामंडल - विरासत, अध्यात्म व वेलनेस
    • देहरादून- थानो - वेलनेस
    • रुद्रप्रयाग- घिमतोली - अध्यात्म व वेलनेस
    • रुद्रप्रयाग - सारी -वेलनेस व साहसिक

    पर्यटन की दृष्टि से क्षेत्रवार गांव चयनित किए गए हैं और इन्हें इसी हिसाब से विकसित किया जाएगा। साथ ही पर्यटकों के लिए ट्रेकिंग समेत अन्य सुविधाओं का विकास भी किया जाएगा। प्रथम चरण में इस मुहिम में 18 गांव लिए गए हैं। धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। - सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री