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खुशखबरी! वीडीओ पदों पर अब किसी भी विषय से स्नातक अभ्यर्थी कर सकेंगे आवेदन

उत्तराखंड में अब वीडीओ पदों पर भर्ती के लिए किसी भी विषय से स्नातक अभ्यर्थी आवेदन कर सकेगा।

By Edited By: Published: Sat, 14 Mar 2020 10:09 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 02:51 PM (IST)
खुशखबरी! वीडीओ पदों पर अब किसी भी विषय से स्नातक अभ्यर्थी कर सकेंगे आवेदन

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) पदों पर भर्ती के लिए किसी भी विषय से स्नातक अभ्यर्थी आवेदन कर सकेगा। पहले कृषि, विज्ञान, अर्थशास्त्र और वाणिज्य में ग्रेजुएट ही इसके पात्र थे। अब कैबिनेट ने वीडीओ की सेवा नियमावली में संशोधन को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा नियुक्ति के लिए आयु सीमा भी बढ़ाकर 21 से 42 वर्ष कर दी गई है। जाहिर है कि अब बड़ी संख्या में राज्य के युवा निकट भविष्य में वीडीओ पदों पर होने वाली भर्ती के लिए आवेदन कर सकेंगे।

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उत्तराखंड में ग्राम विकास अधिकारी की सेवा नियमावली में संशोधन की मांग लंबे अर्से से उठ रही थी। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग ने भी विभिन्न जिलों को लेकर सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में वीडीओ के पदों को भरने के मद्देनजर सेवा नियमावली में संशोधन की सिफारिश की थी। इसके बाद शासन स्तर से नियमावली में संशोधन को लेकर मसौदा तैयार किया गया, जिसे शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मुहर लगा दी गई। वीडीओ की संशोधित सेवा नियमावली के अनुसार अब वीडीओ के पदों के लिए शैक्षिक योग्यता सिर्फ स्नातक कर दी गई है। 
पहले इसमें चार विषयों में स्नातक उत्तीर्ण अभ्यर्थी ही आवेदन के लिए पात्र थे। यानी अब किसी भी विषय से स्नातक आवेदन कर सकता है। नियमावली में ये भी प्रविधान किया गया है कि दो साल की न्यूनतम प्रादेशिक सेवा वाले अभ्यर्थियों को वरीयता दी जाएगी। आयु सीमा में भी बढ़ोतरी की गई है। पहले वीडीओ पदों के लिए आयु सीमा 18 से 35 वर्ष निर्धारित थी, जिसे बढ़ाकर अब 21 से 42 वर्ष कर दिया गया है। इसके अलावा एनसीसी-बी सर्टिफिकेट धारकों को ही अधिमान मिलता था, लेकिन अब एनसीसी-बी और सी सर्टिफिकेट धारकों को अधिमान मिल सकेगा। ये प्रविधान भी किया गया है कि अब अभ्यर्थी प्रदेशभर में किसी भी जिले में आवेदन कर सकेंगे। पूर्व में केवल अपने जिले में ही आवेदन करने की व्यवस्था थी।
रिक्त चल रहे 800 से ज्यादा पद 
प्रदेश में ग्राम विकास अधिकारियों के आठ सौ से ज्यादा पद रिक्त चल रहे हैं, जिससे विकास कार्यों में कठिनाई पेश आ रही है। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी की ओर से सरकार को सौंपी गई पौड़ी, अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ जिलों की रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया था। रिपोर्ट में बताया गया कि इन जिलों में 30-30 ग्राम पंचायतों का जिम्मा एक-एक ग्राम विकास अधिकारी पर है। हालांकि, सरकार की ओर से बाद में रिक्त पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन भेजा गया, मगर इस पर कार्रवाई लंबित है।

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