हर स्कूलों में सतर्कता समिति करेगी छात्रों की निगरानी, पढ़िए पूरी खबर
छात्रों की गतिविधियों और उनमें मानसिक स्तर पर हो रहे बदलावों पर नजर रखने के लिए हर स्कूल को आंतरिक सतर्कता समिति का गठन करना होगा।
देहरादून, आयुष शर्मा। छात्रों की गतिविधियों और उनमें मानसिक स्तर पर हो रहे बदलावों पर नजर रखने के लिए हर स्कूल को आंतरिक सतर्कता समिति का गठन करना होगा। इस समिति में शिक्षक, स्कूल के कर्मचारी, अभिभावक और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए 24 सूत्रीय गाइडलाइन जारी की है। जो हर स्कूल को लागू करनी होगी। मुख्य शिक्षा अधिकारी आशा रानी पैन्यूली को जिला अधिकारी ने नियमावली के अनुपालन पर नजर रखने के लिए नोडल अधिकारी बनाया है। बुधवार को आशा रानी पैन्यूली ने सभी स्कूलों को एनडीएमए की गाइडलाइन जारी करते हुए अनिवार्य रूप से इसे लागू करने का आदेश दिया। नियमावली लागू नहीं करने वाले स्कूलों पर एनडीएमए और आरटीई एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
ये मुख्य नियम हैं गाइडलाइन में
- स्कूलों में अक्सर बड़े छात्रों के छोटे बच्चों को प्रताडि़त करने के मामले सामने आते हैं। इससे बचने के लिए सीनियर और जूनियर सेक्शन को अलग रखने का प्रावधान बनाया गया है।
- स्कूल के पूरे स्टाफ का पुलिस वेरीफिकेशन कराना होगा।
- बच्चों को अभिभावक अधिकृत व्यक्ति को ही आइडी कार्ड के माध्यम से सौंपेंगे।
- छात्राओं को पुरुष कर्मचारी के साथ अकेला नहीं छोड़ा जाएगा।
- स्कूल कैंपस में विभिन्न जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगेंगे।
- इमरजेंसी मामलों में महिला टीचर की ड्यटी सुनिश्चित की जाएगी।
- स्कूल में गार्ड तैनात होने चाहिएं।
- पढ़ाई शुरू होने से पहले, मध्याह्न भोजन और छुट्टी के समय छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य रूप से चेक होगी।
- स्कूल वाहन को ट्रांसपोर्ट विभाग की सभी गाइडलाइन का पालन करना होगा।
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बोले अधिकारी
आशा रानी पैन्यूली (मुख्य शिक्षा अधिकारी) का कहना है कि एनडीएमए की गाइडलाइन के अनुसार बच्चों के सुरक्षा संबंधी मानक पूरे करने के लिए हर स्कूल को निर्देशित किया गया है। हर माह की 25 तारीख को हर स्कूल को फोटो के साथ शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन को इसकी रिपार्ट सौंपनी होगी। ऐसा नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी।