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VIDEO: उत्तराखंड में भूस्खलन से बढ़ीं परेशानी, जान खतरे में डाल घायल को कुछ इस तरह एंबुलेंस तक पहुंचाया

प्रदेश में चारधाम यात्रा मार्गों के साथ ही कई सड़क मार्ग जगह-जगह भूस्खलन के चलते खतरनाक हो रहे हैं। इससे आवाजाही ठप होने के साथ ही आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 22 Aug 2020 02:13 PM (IST)Updated: Sat, 22 Aug 2020 09:51 PM (IST)
VIDEO: उत्तराखंड में भूस्खलन से बढ़ीं परेशानी, जान खतरे में डाल घायल को कुछ इस तरह एंबुलेंस तक पहुंचाया
VIDEO: उत्तराखंड में भूस्खलन से बढ़ीं परेशानी, जान खतरे में डाल घायल को कुछ इस तरह एंबुलेंस तक पहुंचाया

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में बारिश आफत बनी हुई है। चारधाम यात्रा मार्गों के साथ ही कई सड़क मार्ग जगह-जगह भूस्खलन के चलते खतरनाक हो रहे हैं। इससे आवाजाही ठप होने के साथ ही आम जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है। आलम ये है कि किसी हादसे में घायल या गर्भवती महिलाओं को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने में कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को चमोली जिले में सामने आया, जहां सड़क निर्माण में लगा एक मजदूर घायल हो गया। बदरीनाथ हाईवे बंद होने के कारण उसे साथी मजदूरों ने जान जोखिम में डाल चट्टान को पार कर एंबुलेंस तक पहुंचाया।  

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उत्‍तराखंड में  चारधाम यात्रा मार्ग जगह-जगह भूस्खलन होने से खतरनाक बने हुए हैं। वहीं, अन्य सड़क मार्ग भी बाधित हैं। बदरीनाथ हाईवे पिनोला में अवरुद्ध होने से राहगीरों को आवाजाही में दिक्कतें हो रही हैं। शुक्रवार को माणा क्षेत्र में सड़क निर्माण कार्य के दौरान एक मजदूर गिरकर घायल हो गया। पिनौला में सड़क बंद होने के चलते साथी मजदूरों ने डंडों पर चादर बांधकर स्ट्रेचर बनाया और फिर सड़क पर आई चट्टान को जान हथेली पर रख पार किया, जिसके बाद ही घायल को एंबुलेंस तक पहुंचाया जा सका।

बदरीनाथ हाईवे पिनोला और केदारनाथ गौरीकुंड में बंद

गौरतलब है कि चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पिनोला में मलबा आने से दूसरे दिन भी बंद रहा। रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा तीसरे दिन भी बंद रही। यहां गौरीकुंड मुनकटिया के पास मलबा आ गया था, जिससे मार्ग बंद है। जबकि उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग करीब 32 घंटे और गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार को पांच घंटे बाधित रहा। 

गदेरा पार करते हुए ग्रामीण की मौत

टिहरी में नैलचामी पट्टी के ग्राम मल्ड गदेरा पार करते समय ग्रामीण की मौत हो गई है। कोटद्वार में नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर मलबा आने से शुक्रवार सुबह करीब दो घंटे तक बाधित रहा। चमोली जिले में गुरुवार रात हुई बारिश से बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ पागलनाला, छिनका में रात्रि को भूस्खलन से बंद हो गया था, जिसे नौ बजे तक खोल दिया। गोविंदघाट के पास पिनोला में बीते दिन तीन बजे से भूस्खलन से बाधित हाईवे को खोलने का दिनभर प्रयास हुआ, लेकिन बड़े बोल्डरों के सड़क पर आने के चलते फिलहाल हाईवे नहीं खुला है। 

यात्रा तीसरे दिन भी रही बंद 

रुद्रप्रयाग में केदारनाथ यात्रा तीसरे दिन भी बंद रही। सोनप्रयाग से आगे यात्रियों को जाने की अनुमति नहीं दी गई। केदारनाथ पैदल मार्ग पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं, वहीं गौरीकुंड घोड़ापड़ाव के पास मार्ग खतरनाक बना है। इसके साथ ही भीमबली, लिनचोली में भी लगातार पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं। इससे पैदल मार्ग पर चलना काफी खतरनाक बना है। यात्रा मजिस्ट्रेट सोनप्रयाग एमएल अंजवाल ने बताया कि पैदल मार्ग पर पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों को देखते सुरक्षा के दृष्टिगत सोनप्रयाग से आगे केदारनाथ जाने की अनुमति यात्रियों को नहीं दी गई। यात्रियों की सुरक्षा में तैनात डीडीआरएफ फोर्स ने पैदल मार्ग पर आवाजाही असुरक्षित बताई है। 

उत्तरकाशी जिले में गुरुवार की सुबह बंद हुआ यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार की दोपहर ढाई बजे सुचारु हुआ। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग करीब 32 घंटे तक बाधित रहा। वहीं, गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग शुक्रवार सुबह पांच बजे से सुबह दस बजे तक बाधित रहा। जबकि शुक्रवार शाम चार बजे गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग बंदरकोट के पास भूस्खलन होने से बाधित हुआ। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कुथनौर, पालीगाड के पास बाधित हुआ।

कुथनौर के पास राजमार्ग को बड़कोट खंड की टीम ने गुरुवार को ही सुचारु कर दिया था, लेकिन गुरुवार की शाम को सिलाई बैंड के पास राजमार्ग का करीब 25 मीटर हिस्सा भूधसाव की चपेट में आया। शुक्रवार सुबह डाबरकोट के पास भी राजमार्ग पर पत्थर और मलबा आया। दोपहर 12 बजे तक टीम ने पालीगाड और डाबरकोट में राजमार्ग को सुचारु किया। साथ ही सिलाई बैंड के पास 25 मीटर सड़क तैयार कर यातायात सुचारु कराया। इसके अलावा विद्युत लाइन टूटने से यमुनोत्री धाम, खरसाली, जानकी चट्टी सहित 10 से अधिक गांवों में बिजली आपूर्ति ठप है। 

गदेरे को पार करते हुए ग्रामीण बहा 

टिहरी में घनसाली के पास नैलचामी पट्टी के ग्राम मल्ड निवासी ग्रामीण जटू (55) पुत्र छूमु बरसाती गदेरे को पार करते हुए बह गया। वह पड़ोस के गांव किसी काम से जा रहा था।  इस दौरान पुलिया से न जाकर वह जल्द गांव पहुंचने के लिए बरसाती गदेरे को पार करने का प्रयास कर रहा था। इस दौरान पानी तेज होने के कारण वह बह गया। स्थानीय लोगों ने उसे बहता देखा बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह पानी में फंस गया। सूचना पर पुलिस पहुंची और उसे गदेरे से बाहर निकाला, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। कोटद्वार में पिछले चार दिन से कोटद्वार और आसपास के क्षेत्रों में बारिश हो रही है। 

गर्भवती को तीन किमी पैदल चल पहुंचाया अस्पताल

टिहरी जिले के भिलंगना ब्लॉक के कांगड़ा गांव में एक गर्भवती को सड़क बंद होने के कारण परेशानी ङोलनी पड़ी। प्रसव पीड़ा होने पर गर्भवती के स्वजनों को उसे कुर्सी पर बैठाकर तकरीबन तीन किमी दुर्गम रास्तों से पैदल चलकर बेलेश्वर अस्पताल लाना पड़ा। सुकून की बात यह है कि उपचार के बाद गर्भवती की हालत ठीक है। बीते गुरुवार रात लगभग दस बजे कांगड़ा गांव निवासी अमित की पत्नी रीना देवी को प्रसव पीड़ा हुई। लेकिन, चमियाला-कांगड़ा मोटर मार्ग बारिश के कारण पिछले दो सप्ताह से बंद होने के कारण स्वजन गर्भवती को अस्पताल लाने के लिए वाहन का प्रबंध नहीं कर पाए।

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ऐसे में गर्भवती को कुर्सी पर बैठाकर रात लगभग तीन बजे स्वजन बेलेवश्वर अस्पताल पहुंचे। इस मामले में लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता विजेंद्र बसेड़ा ने बताया कि अभी बारिश के कारण मार्ग की मरम्मत करना संभव नहीं है। बारिश के बाद ही रोड पर काम शुरू किया जाएगा। इसी तरह क्षेत्र के ही पिंसवाड़ गांव निवासी नागेंद्र सिंह की पत्नी केशरी देवी बीते बुधवार को पेड़ से गिरने से घायल हो गई थी। पिंसवाड़ गांव की सड़क बंद होने के कारण ग्रामीण केशरी देवी को भी कुर्सी पर बैठाकर तकरीबन दस किमी पैदल चलकर बेलेवश्वर अस्पताल पहुंचे थे।

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