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स्वदेश दर्शन में संवर रहा उत्तराखंड का बैजनाथ पर्यटन सर्किट

स्वदेश दर्शन में संवर रहा कुमाऊं मंडल का बैजनाथ पर्यटन सर्किट जल्द ही नए कलेवर में निखरकर सामने आएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2016-17 से अभी तक वहां 29.53 करोड़ की लागत से 18 कार्य हो चुके हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Wed, 23 Dec 2020 02:46 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 02:46 PM (IST)
स्वदेश दर्शन में संवर रहा कुमाऊं मंडल का बैजनाथ पर्यटन सर्किट जल्द ही नए कलेवर में निखरकर सामने आएगा।

राज्य ब्यूरो, देहरादूनः स्वदेश दर्शन में संवर रहा कुमाऊं मंडल का बैजनाथ पर्यटन सर्किट जल्द ही नए कलेवर में निखरकर सामने आएगा। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत वर्ष 2016-17 से अभी तक वहां 29.53 करोड़ की लागत से 18 कार्य हो चुके हैं। आगे के कार्यों के लिए पर्यटन विभाग तैयारियों में जुट गया है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार बैजनाथ पर्यटन सर्किट को हैरिटेज सर्किट का दर्जा दिया गया है और इसी के अनुरूप इसे सजाया-संवारा जा रहा है।

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बैजनाथ पर्यटन सर्किट (कटारमल- जागेश्वर-बैजनाथ-देवीधूरा) के लिए केंद्र सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना में वर्ष 2016-17 में 76.31 करोड़ रुपये की धनराशि मंजूर की। इसके बाद इस सर्किट में विभिन्न कार्यों का सिलसिला शुरू किया गया। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के अनुसार बैजनाथ में अभी तक ईको लॉग हट्स, पर्यटक सूचना केंद्र, कैफे, मेडिटेशन स्थल विकास व हर्बल गार्डन, 1187 मीटर लंबी पार्किंग, रेस्ट शेल्टर, व्यू प्वाइंट, बैठने को बेंचों का निर्माण, सेप्टिक टैंक, पेयजल-विद्युत सुविधा, नालियों का निर्माण, वाटर टैंक, प्रवेशद्वार, घाट विकास, सोलर लाइट, साइनेज, फ्लोटिंग जैटी, निकासी द्वार जैसे कार्य पूर्ण कराए जा चुके हैं। इस पर 29.53 करोड़ रुपये की राशि खर्च हुई है। केंद्र से स्वीकृत शेष राशि के लिए कार्ययोजना तैयार कर धरातल पर उतारने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।

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गौरतलब है कि बैजनाथ पौराणिक मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। कत्यूरी, चंद और मणिकोटी शासकों ने यहां कई मंदिरों का निर्माण कराया। बैजनाथ में 18 मंदिरों का समूह था, जिसके मध्य में महादेव का मंदिर था। बैजनाथ की 10 किलोमीटर की परिधि में भी पूर्व में पौराणिक मंदिरों व मूर्तियों के अवशेष पाए गए हैं। यहां मिली देवी-देवताओं की मूर्तियों को संग्रहालय में रखा गया है। पुरातत्व विभाग ने बैजनाथ के मंदिरों को ऐतिहासिक धरोहर में शामिल करते हुए इसे राष्ट्रीय महत्व के स्मारकों की श्रेणी में शामिल किया है।

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