उत्तराखंड: भाजपा विधायक पर यौन उत्पीड़न का आरोप, दर्ज नहीं हुई महिला की एफआइआर; आयोग ने लिया संज्ञान
यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर महिला की एफआइआर दर्ज न होने का महिला आयोग ने संज्ञान लिया है। मामले में दून एसएसपी को पत्र लिखकर पूछा जाएगा कि अभी तक केस दर्ज क्यों नहीं हुआ।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड महिला आयोग प्रमुख विजय बड़थ्वाल भाजपा विधायक पर लगे यौन उत्पीड़न के मामले को लेकर महिला की एफआइआर दर्ज न होने का संज्ञान लिया है। उनका कहना है कि आरोप लगाने वाली महिला अब देहरादून में है। उसने एफआइआर दर्ज करने के लिए एक पुलिस स्टेशन में शिकायत दी थी, लेकिन अभी तक इसे दर्ज नहीं किया गया है। इसको लेकर देहरादून के एसएसपी को पत्र लिखकर पूछा जाएगा कि अभी तक एफआइआर दर्ज क्यों नहीं की गई है।
दरअसल, महिला आयोग अध्यक्ष को अल्मोड़ा जिला पंचायत अध्यक्ष और पीड़ित के जरिए पत्र प्राप्त हुए। पीड़ित ने अपने बच्चे और खुद की जान को खतरा बताया है। आयोग की अध्यक्ष विजय बड़थ्वाल ने बताया कि बीजेपी विधायक महेश नेगी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला पर एसएसपी अल्मोड़ा ने 29 अगस्त तक जांच करने और हमें रिपोर्ट देने के लिए कहा है।
जानिए पूरा मामला
गौरतलब है कि अल्मोड़ा जिले की द्वाराहाट सीट से भाजपा विधायक महेश नेगी पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। साथ ही अपने बच्चे का अदालत के माध्यम से डीएनए टेस्ट कराने की मांग की। हालांकि, अभी तक महिला की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। इससे दो रोज पहले विधायक की पत्नी रीता नेगी इस महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का मुकदमा दर्ज करा चुकी हैं। उस पर पांच करोड़ रुपये की मांग करने और न देने पर विधायक को दुष्कर्म के झूठे मामले में फंसाने का आरोप है।
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सोमवार को विधायक की पत्नी ने डीआइजी को एक और पत्र लिखा। इसमें उल्लेख किया गया कि आरोपित महिला इन दिनों कई राजनीतिक व्यक्तियों के संपर्क में है। भाजपा विधायक होने की वजह से विपक्षी दलों के नेता उनसे राजनीतिक द्वेष रखते हैं। ये लोग आरोपित महिला के साथ कुछ भी गलत कर इसका आरोप भी विधायक पर लगा सकते हैं। लिहाजा, महिला और अन्य आरोपितों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाए।
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