Uttarakhand News: खनन से मिला रिकॉर्ड 1025 करोड़ का राजस्व, सबसे अधिक वसूला गया जुर्माना
Uttarakhand Mining Revenue उत्तराखंड सरकार को इस वर्ष खनन से रिकॉर्ड 1025 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। अवैध खनन परिवहन और भंडारण से भी 74.22 ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, जागरण देहरादून। प्रदेश सरकार को इस वर्ष खनन से 1025 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई है। इस वर्ष अवैध परिवहन, अवैध खनन और अवैध भंडारण से 74.22 करोड़ की रिकाॅर्ड धनराशि वसूली भी की गई है।
प्रदेश में खनन राजस्व देने वाले प्रमुख विभागों में से एक है। यद्यपि, इससे सरकार को अभी तक निर्धारित राजस्व प्राप्त नहीं हो पा रहा था। इस वर्ष सरकार ने खनन नीति में बदलाव करने के बाद व्यवस्था में सुधार किया है।
सचिव खनन बीके संत के अनुसार इस वर्ष प्रदेश सरकार ने खनन विभाग के समक्ष 875 करोड़ रुपये का राजस्व लक्ष्य रखा था। इसके सापेक्ष इस वर्ष अभी तक विभाग 1025 करोड़ का राजस्व अर्जित कर चुका है।
राज्य गठन के बाद पहली बार विभाग ने इतना राजस्व अर्जित किया है। वित्तीय वर्ष के अंत तक इस राशि के 1100 करोड़ के पार होेने की संभावना है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष अवैध खनन पर प्रभावी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर एंटी इलीगल माइनिंग टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
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इसमें राजस्व विभाग, खनन विभाग, वन विभाग व पुलिस के साथ ही पर्यावरण विशेषज्ञ व ग्राम प्रधान को सदस्य बनाया गया है। राज्य में अवैध खनन, अवैध भंडारण व अवैध परिवहन पर छापेमारी की जाती है। यही कारण है कि इस वर्ष 2176 प्रकरणों में 74.22 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। वर्ष 2020-21 में 2752 प्रकरणों में 18.05 करोड़ का जुर्माना वसूला गया था।

2176 प्रकरणों में 74.22 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया। जागरण
उन्होंने कहा कि जनसाधारण की शिकायतों के लिए राज्य स्तर पर गठित सीएम हेल्पलाइन 1905 एवं एकीकृत जनता शिकायत निवारण एवं निगरानी व्यवस्था बनाई गई है, जिसमें अवैध खनन से संबंधित शिकायतों का निस्तारण किया जाता है।
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इसके साथ ही सीमाओं पर 45 खनन चेक पोस्ट स्थापित की जा रही हैं, जो नाइट विजन कैमरा व आटोमेटेड सर्विलांस सिस्टम से लैस होंगी। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध खनन की बातें भ्रामक हैं।
सेवानिवृत्त पशु चिकित्साधिकारियों को नान प्रैक्टिस अलाउंस
पशुपालन विभाग के सेवानिवृत्त पशु चिकित्साधिकारियों को एक अप्रैल, 2023 से नान प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) का भुगतान किया जाएगा। वित्त अपर सचिव अमिता जोशी ने गुरुवार को इस संबंध में स्पष्टीकरण आदेश जारी किया।
कोषागार, पेंशन एवं हकदारी निदेशक को जारी स्पष्टीकरण आदेश में बताया गया कि पांच नवंबर, 2024 को जारी शासनादेश में पशुपालन विभाग के सेवानिवृत्त पशु चिकित्साधिकारियों को विभाग के नियमित एवं सेवारत पशु चिकित्साधिकारियों की भांति एक अप्रैल, 2023 से एनपीए के भुगतान की अनुमति दी गई है। इस तिथि से पहले और बाद में सेवानिवृत्त पशु चिकित्साधिकारियों को इस भत्ते का लाभ निर्धारित तिथि से दिया जाए।

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