Uttarakhand Weather: पारे में लगातार इजाफा, अब तक सबसे गर्म रहा गुरुवार; आने वाले दिनों में भी राहत नहीं
Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। पहाड़ से मैदान तक मौसम शुष्क है और चटख धूप खिलने से पारे में लगातार वृद् ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather Update : उत्तराखंड में पहाड़ से मैदान तक मौसम शुष्क है और चटख धूप खिलने से पारे में लगातार वृद्धि हो रही है। ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान सामान्य से तीन से चार डिग्री सेल्सियस अधिक पहुंच गया है। दून में इस वर्ष पहली बार अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इसके साथ ही पंतनगर में 37 और खटीमा में अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस के करीब पहुंच गया है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को भी मैदानी क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रह सकता है। जिससे तपिश बढ़ने के आसार हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में कहींं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है।
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गुरुवार इस वर्ष अब तक का सबसे गर्म दिन
देहरादून में सुबह से ही आसमान साफ रहा और तेज धूप खिली। जिससे दोपहर में तपिश बढ़ गई और पारे में भी इजाफा हुआ। इसके साथ ही गुरुवार इस वर्ष अब तक का सबसे गर्म दिन रहा। दून का तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। इसके साथ ही न्यूनतम तापमान भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस अधिक है। अन्य शहरों में पारा दो से छह डिग्री सेल्सियस तक अधिक दर्ज किया गया है। प्रदेश में खटीमा सबसे गर्म रहा, जबकि मुक्तेश्वर सबसे कम गर्म रहा।

जागरण ग्राफिक्स।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, शुक्रवार को प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों मौसम शुष्क बना रह सकता है। उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़ में कहीं-कहीं हल्की वर्षा हो सकती है। मैदानी क्षेत्रों में तापमान में वृद्धि के आसार हैं।
प्रमुख शहरों का तापमान
- शहर, अधिकतम, न्यूनतम
- देहरादून, 34.0, 17.6
- ऊधमसिंह नगर, 36.6, 14.2
- मुक्तेश्वर, 24.6, 10.2
- नई टिहरी, 25.0, 13.2
- नैनीताल, 32.2, 14.5
- मसूरी, 24.6, 13.8
- खटीमा, 38.0, 15.6
चार साल में 82 क्यूसेक कम हो गया गौला नदी का पानी
हल्द्वानी: काठगोदाम की गौला नदी का जल प्रवाह चार सालों में 82 क्यूसेक कम हो चुका है। हल्द्वानी की आधी आबादी गौला नदी के पानी के भरोसे ही है। वर्तमान में नदी का जल प्रवाह 113 क्यूसेक चल रहा है। जिससे पीने के लिए 30 क्यूसेक व बाकि 83 क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है।
बारिश नहीं होने के चलते काठगोदाम से हल्द्वानी को आने वाली गौला नदी पूरी तरह से सूख चुकी है। इसका अंदाजा सिंचाई विभाग से मिले आंकड़ों से ही लगाया जा सकता है। वर्ष 2022 में जहां मार्च माह में 195 क्यूसेक पानी था तो वहीं अब 113 क्यूसेक पानी पहुंच गया है। चार साल में सीधे 82 क्यूसेक पानी कम हो गया है।
सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता मनोज तिवारी ने बताया कि गौला नदी का जल प्रवाह तेजी से कम हो रहा है। इसका कारण प्राकृतिक जल श्रोतों से कम पानी आना व बारिश नहीं होना है। बरसात के बाद गौला नदी का जल प्रवाह बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
लालडांठ में नलकूप ठप, 10 हजार की आबादी प्यासी
जल संस्थान का लालडांठ में नलकूप ठप होने से 10 हजार की आबादी पेयजल संकट से जूझने लगी है। तो वहीं दूसरी ओर काठगोदाम रेलवे स्टेशन के समीप पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से फिजूल में पानी बह रहा है।
क्षेत्रवासियों की मानें तो बुधवार रात से सड़क के नीचे से पानी बहने में लगा है। इधर जल संस्थान के सहायक अभियंता रविंद्र कुमार ने बताया कि 14 टैंकरों से पेयजल संकट से जूझ रहे इलाकों में सप्लाई की जा रही है। -
सिंचाई विभाग से मिला चार सालों का आंकड़ा
- वर्ष - जल प्रवाह
- मार्च 2022 - 195 क्यूसेक
- मार्च 2023 - 119 क्यूसेक
- मार्च 2024 - 119 क्यूसेक
- मार्च 2025 - 113 क्यूसेक

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