Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में जमीन खरीद की चाह रखने वाले ध्यान दें, नए भू-कानून के तहत बदल गए नियम
Uttarakhand land Law नए भू-कानून के तहत हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर को छोड़कर शेष 11 जिलों में कृषि और बागवानी के लिए राज्य के बाहर से व्यक्ति के भूमि खरीदने पर रोक लगाई गई है। वहीं बाहरी व्यक्ति आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर भूमि खरीद सकेंगे लेकिन खरीद की अनुमति परिवार के अन्य व्यक्तियों को नहीं मिलेगी।

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विधेयक में हरिद्वार और ऊधम सिंह नगर को छोड़कर शेष 11 जिलों में कृषि और बागवानी के लिए राज्य के बाहर से व्यक्ति के भूमि खरीदने पर रोक लगाई गई है। इन जिलों में उद्योग एवं अन्य उपयोग के लिए खरीदी जाने वाली भूमि का निर्धारित से अन्य प्रयोजन में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।
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बाहरी व्यक्ति आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर भूमि खरीद सकेंगे, लेकिन खरीद की अनुमति परिवार के अन्य व्यक्तियों को नहीं मिलेगी। इस संबंध में भूमि क्रेता को शपथ पत्र देना होगा। -
भू-कानून के प्रविधान का उल्लंघन होने पर भूमि सरकार में निहित होगी। विधेयक के प्रविधानके अनुसार भूमि खरीद की अनुमति अब जिलाधिकारी नहीं देंगे। शासन स्तर सेही यह अनुमति दी जाएगी।
हटाई 12.5 एकड़ भूमि खरीद की सीमा
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प्रस्तावित कानून में विभिन्न प्रयोजन के लिए 12.5 एकड़ भूमि खरीद की सीमा हटाई गई है। -
राज्य के बाहर के व्यक्ति निवेश के लिए आवश्यक भूमि खरीद सकेंगे, लेकिन इसके लिए अनुमति शासन देगा। -
खरीदी गई भूमिका निर्धारित से अन्य उपयोग नहीं करने के संबंध में क्रेता को रजिस्ट्रार को शपथ पत्र देना होगा। -
सरकार पोर्टल बनाकर भूमि खरीद प्रक्रिया की निगरानी करेगी। - सभी जिलाधिकारी राजस्व परिषद और शासन को नियमित रूप से भूमि खरीद से जुड़ी रिपोर्ट सौंपेंगे।
उत्तराखंड विधानसभा भवन, देहरादून। जागरण आर्काइव
आवासीय उपयोग के लिए 250 वर्गमीटर तक ही भूमि खरीद
परिवार के अन्य सदस्य को इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी। किसी भी व्यक्ति ने नियमों के विरुद्ध जमीन का उपयोग किया तो भूमि सरकार में निहित हो जाएगी। कृषि और बागवानी के लिए भूमि खरीद के प्रविधान को हिमाचल से भी कड़ी व्यवस्था के रूप मेंदेखा जा रहा है।
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