Uttarakhand Crime News: सैय्यद सादिक मूसा पर उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में भी पेपर लीक करवाने का संदेह
Uttarakhand Crime News पेपर लीक मामले में गिरफ्तार सैय्यद सादिक मूसा पर उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में भी पेपर लीक करवाने का संदेह है। पुलिस विभाग जल्द ही दोनों राज्यों को पत्र लिखकर सूचना जारी करेगा। पुलिस रिमांड में राज उगलवाए जाएंगे।
जागरण संवाददाता, देहरादून: UKSSSC Paper Leak Case उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के स्नातक स्तर के भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तार सैय्यद सादिक मूसा पर उत्तराखंड के अलावा उत्तर प्रदेश व हिमाचल प्रदेश में हुई प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर लीक का संदेह है।
पूछताछ में पूरा सच आएगा बाहर
मूसा आरएमएस टेक्ना साल्यूशंस कंपनी के मालिक राजेश चौहान का दोस्त भी है। ऐसे में एसटीएफ लगातार कड़ियां जोड़ रही है कि उसने कहां-कहां और कब-कब पेपर लीक कराए। उत्तर प्रदेश व हिमाचल राज्य से भी इसी प्रिंटिंग प्रेस को काम दिया गया था, ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन राज्यों में भी आरोपित ने गड़बड़ी की है।
- एसटीएफ आरोपित को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है। रिमांड के दौरान पूछताछ में पूरा सच बाहर आ सकेगा।
मूसा को लखनऊ से किया था गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बीते गुरुवार को मूसा को लखनऊ से गिरफ्तार किया था, जिसके बाद शुक्रवार को उत्तराखंड एसटीएफ उसे देहरादून लेकर पहुंची। मेडिकल करवाने के बाद एसटीएफ व विजिलेंस की टीम ने आरोपित से पूछताछ की।
- करीब तीन घंटे चली पूछताछ में आरोपित से वर्ष 2015 से लेकर अब तक हुई भर्तियों के बारे में पूछताछ की गई।
आरोपित ने पेपर लीक करवाने की बात की स्वीकार
इस दौरान आरोपित ने पेपर लीक करवाने की बात स्वीकार की। आरोपित ने यह भी बताया कि उप्र व हिमाचल प्रदेश में भी उसने पेपर लीक करवाए थे, लेकिन कौन-कौन सी परीक्षाओं के उसने पेपर लीक किए, इसकी विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई।
- पुलिस अधिकारियों की मानें तो अभी आशंका ही जताई जा रही है कि आरोपित ने हिमाचल व उत्तर प्रदेश में पेपर लीक किए। पूरी सत्यता का पता उसे रिमांड पर लेने के बाद ही चल सकेगा।
रिमांड में काफी राज उगलवाएगी एसटीएफ
उत्तराखंड में अब तक हुए पेपर लीक व परीक्षाओं में गड़बड़ी का सादिक मूसा मास्टरमाइंड है। ऐसे में रिमांड के दौरान पुलिस उससे काफी राज उगलवाएगी। यही नहीं, उसके सिर पर किस सफेदपोश या गिरोह का हाथ है, इसकी जानकारी भी रिमांड के दौरान ही मिल सकेगी। वहीं विजिलेंस भी मूसा के रिमांड का इंतजार कर रही है। वर्ष 2015 में हुई दारोगाओं की भर्ती में भी मूसा का हाथ होने की आशंका जताई जा रही है, ऐसे में विजिलेंस भी उससे पूछताछ करेगी।