संडे को पत्नी व बच्चों संग पिकनिक पर निकले सीएम धामी, ली चाय की चुस्कियां; तस्वीरों में देखें अलग अंदाज
Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami रविवार को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार को समय दिया और उनके साथ मसूरी में ट्रेकिंग की। सीएम धामी ने कहा कि यह ट्रेक न केवल साहसिक गतिविधियों का हिस्सा है बल्कि इस यात्रा के दौरान प्रकृति की अद्भुत सुंदरता शुद्ध हवा और शांत वातावरण का भी अनुभव होता है।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी हमेशा अलग अंदाज में नजर आते हैं। रविवार को वह नए अंदाज में नजर आए। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार के साथ मसूरी में ट्रेकिंग की। इस दौरान उनके साथ पत्नी गीता धामी व दोनों बच्चे भी थी।
वे शहंशाही आश्रम से पैदल ओल्ड राजपुर रोड होते हुए झड़ीपानी पहुंचे। रास्ते में उन्होंने चाय की चुस्की ली और स्थानीय लोगों और पर्यटकों से बातचीत की। सीएम धामी ने कहा कि यह ट्रेक न केवल साहसिक गतिविधियों का हिस्सा है, बल्कि इस यात्रा के दौरान प्रकृति की अद्भुत सुंदरता, शुद्ध हवा और शांत वातावरण का भी अनुभव होता है।
यहां उन्होंने चाय की चुस्की के साथ खूबसूरत वादियों का भी दीदार किया। सीएम सुबह पत्नी और बच्चों के साथ मसूरी रोड पर ट्रेकिंग के लिए निकले। इस दौरान लोग उन्हें देखकर हैरान रह गए।
सीएम ने कहा कि यह ट्रेक न केवल साहसिक गतिविधियों का हिस्सा है, बल्कि इस यात्रा के दौरान प्रकृति की अद्भुत सुंदरता, शुद्ध हवा और शांत वातावरण का भी अनुभव होता है। उत्तराखंड में इस तरह के अनेक ट्रेक विशेष आकर्षण का केंद्र हैं। शीतकालीन यात्रा के दौरान भी राज्य में आने वाले पर्यटक व स्थानीय लोग भी ट्रेकिंग का आनंद ले सकते हैं।
चारधाम यात्रा प्राधिकरण के गठन को कवायद शुरू
देहरादून: वहीं प्रदेश में चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन के लिए चारधाम यात्रा प्राधिकरण के गठन को लेकर कवायद शुरू कर दी गई है। इस कड़ी में अपर मुख्य सचिव आनंदबद्र्धन ने हितधारकों के साथ बैठक कर इस संबंध में चर्चा की और उनके सुझाव लिए।
सचिवालय में हुई बैठक में तीर्थपुरोहितों के विभिन्न संगठनों के साथ ही होटल एसोसिएशन, पंडा महापंचायतों के प्रतिनिधि व हितधारक शामिल हुए। इस दौरान चारधाम यात्रा के सफल और व्यवस्थित संचालन को लेकर विचार विमर्श किया गया। बैठक में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में आवागमन की सुगम व्यवस्था, पंजीकरण, यात्रियों के लिए दर्शन की सहजता, पार्किंग, स्वच्छता और सुरक्षा आदि के संबंध में चर्चा हुई।
सीमावर्ती गांवों में पर्यटन के लिए भी होगा आइटीबीपी के हेलीपैड का उपयोग
देहरादून: अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे राज्य के तीन जिलों उत्तरकाशी, चमोली व पिथौरागढ़ के सीमावती गांवों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए आइटीबीपी के हेलीपैड का भी अब उपयोग किया जा सकेगा। सचिवालय में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की उपस्थिति में इस सिलसिले में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद और आइटीबीपी के मध्य समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया।
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मुख्य सचिव रतूड़ी ने इस अवसर पर कहा कि केंद्र सरकार के वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत सीमावर्ती गांवों के सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही ग्रामीणों की आजीविका के लिए संसाधन उपलब्ध कराना भी मुख्य उद्देश्य है। इसी क्रम में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हेली सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित आदि कैलास, ओम पर्वत, टिम्मरसैंण महादेव जैसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हैं। दुर्गम रास्ते होने के कारण वहां पहुंचने में पर्यटकों को असुविधा होती है। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने इन क्षेत्रों में पर्यटकों को हेली सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए आइटीबीपी के हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा।
इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज में रहने वाले ग्रामीणों को आपातकालीन चिकित्सा की आवश्यकता पडऩे पर दवाओं की उपलब्धता और मरीज को हेलीकाप्टर से हायर सेंटर ले जाने के लिए भी इन हेलीपैड का उपयोग किया जाएगा। इस अवसर पर सचिव सचिन कुर्वे, आइटीबीपी मुख्यालय उत्तरी सीमांत के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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