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    उत्तराखंड विधानसभा सत्र के आखिरी दिन सदन में गूंजा ये मुद्दा, विधायकों के हंगामा से सदन चार बार स्थगित

    By Raksha PanthriEdited By:
    Updated: Sun, 12 Dec 2021 08:46 AM (IST)

    Uttarakhand Assembly Session 2021 शीतकालीन सत्र के तीसरे और आखिरी दिन सदन में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा गूंजा। विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकों ने इस मामले में एक सुर में आवाज उठाई। तीन घंटे से ज्यादा समय तक हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी।

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    उत्तराखंड विधानसभा सत्र के आखिरी दिन सदन में गूंजा ये मुद्दा।

    राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Session 2021 विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे और आखिरी दिन सदन में विशेषाधिकार हनन का मुद्दा गूंजा। विपक्ष और सत्तापक्ष के विधायकों ने इस मामले में एक सुर में आवाज उठाई। तीन घंटे से ज्यादा समय तक हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करनी पड़ी। विधानसभा अध्यक्ष ने 10 दिन के भीतर विशेषाधिकार हनन के मामलों पर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। रिपोर्ट के आधार पर इन मामलों को विशेषाधिकार समिति को सौंपा जाएगा।

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    विधानसभा सत्र के तीसरे दिन शनिवार को सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही प्रारंभ होते ही पहले विपक्ष की ओर से विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। इसके तुरंत बाद सत्तापक्ष विधायक इस मुद्दे पर मुखर हो गए। भाजपा विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन विशेषाधिकार हनन के मामले में समयबद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर पीठ के समक्ष पहुंच गए। भाजपा विधायक राजेश शुक्ला ने दो मामलों में कार्यवाही नहीं होने पर नाराजगी जताई। इसके बाद विधायक ममता राकेश, मनोज रावत, हरीश धामी समेत कांग्रेस विधायक भी पीठ के समक्ष पहुंच गए।

    हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही चार बार स्थगित करने की नौबत आई। पीठ ने विधायक राजेश शुक्ला के सवाल के जवाब में बताया कि विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान की अध्यक्षता में सात सदस्यीय विशेषाधिकार हनन समिति गठित है।

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    इन सदस्यों में विजय सिंह पंवार, संजय गुप्ता, फुरकान अहमद, बलवंत सिंह भौंर्याल, राजकुमार ठुकराल, जीआइजी मैन शामिल हैं। विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि विशेषाधिकार हनन की शिकायतों का परीक्षण कर 10 दिन में रिपोर्ट देने को कहा। उन्होंने कहा कि शिकायतों का परीक्षण कर यह रिपोर्ट दी जाएगी। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर शिकायतों को विशेषाधिकार हनन समिति को सौंपा जाएगा।

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