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केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक बोले, बड़ी सोच के साथ बनेगा एक भारत, श्रेष्ठ भारत

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि बड़ी सोच के साथ ही एक भारत श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से ईमानदारी पारदर्शिता और जज्बे के साथ कार्य करने का आह्वान किया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 09 Jan 2021 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 09 Jan 2021 06:30 AM (IST)
एक कार्यक्रम को संबोधित करते शिक्षा मंत्री भारत सरकार डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि बड़ी सोच के साथ ही एक भारत, श्रेष्ठ भारत का निर्माण होगा। उन्होंने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से ईमानदारी, पारदर्शिता और जज्बे के साथ कार्य करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि स्थानीय सरकार को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाएं। शुक्रवार को देहरादून में उत्तराखंड की पंचायती राज संस्थाओं से संपर्क और परिचय कार्यक्रम के अंतर्गत 'पंचायतीराज व्यवस्था विकेंद्रीकृत शासन व्यवस्था का सशक्तीकरण' विषय पर आयोजित सम्मेलन के दूसरे सत्र की शुरुआत करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने यह बात कही।

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कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि पंचायत प्रतिनिधि सीमांत क्षेत्रों में पांच से सात दिन प्रवास करें। वहां सीमा प्रहरी के रूप में रह रहे ग्रामीणों से मुलाकात कर उनका मनोबल बढ़ाएं और उनकी समस्याओं का निस्तारण करें। इससे पलायन भी रुकेगा। उन्होंने कहा कि गांवों के विकास के बिना शहरों का विकास नहीं हो सकता है। विकास के लिए गांव व शहर एक दूसरे से पारस्परिक रूप से जुड़े हुए हैं। पंचायत लोकतंत्र की मूलभूत इकाई है। देवभूमि उत्तराखंड जैसे ऐतिहासिक, पर्यावरणीय व सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य में लोगों तक विकास पहुंचाने और उनकी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश सरकार गांवों के विकास के लिए हर संभव कदम उठा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि पंचायत राज व्यवस्था के माध्यम से विकेंद्रीकृत लोकतंत्र को अत्यधिक बलशाली बनाया जा सकता है। पंचायती राज मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गांवों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

गांव बचाओ आंदोलन के सूत्रधार एवं प्रख्यात पर्यावरणविद पद्मभूषण डा. अनिल प्रकाश जोशी ने जल, जंगल और वायु की त्रिवेणी को संजोने, गांव की संस्कृति, विरासत, परंपरागत उत्पाद, बीज, भाषा-बोली को बचाने व विकसित करने पर जोर दिया। कार्यक्रम को सांसद अजय टम्टा, सरोज पांडेय, माला राज्य लक्ष्मी शाह, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, टिहरी जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, मैती आंदोलन के प्रणेता कल्याण सिंह रावत ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह को उत्तराखंड में पंचायती राज संस्थाओं के संपर्क एवं परिचय कार्यक्रम की शुरुआत करने के लिए सम्मानित किया।  

कार्यक्रम में सचिव पंचायती राज हरि चंद्र सेमवाल समेत विभिन्न जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, ब्लाक प्रमुख व पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।

पांच सालों में हर महिला के सिर से हटेगा घास व लकड़ी का बोझ

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पहाड़ की महिलाओं की समस्याओं और उनके समाधान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रदेशसरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में हर महिला के सिर से घास व लकड़ी के बोझ को हटाना है। इसके लिए सभी से सुझाव आमंत्रित किए गए हैं। मकसद यह कि किसी महिला को जंगली जानवरों एवं दुर्घटनाओं का शिकार न होना पड़े।

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