UK Board 12th Result 2020: छात्र-छात्राओं ने गुरबत में तलाशी सफलता की राह
दून के छात्रों ने गुरबत में सफलता की राह तलाशी है। विपरीत परिस्थितियों से लड़कर छात्रों ने मेरिट में जगह बनाने के साथ यह भी दिखाया कि सफलता के लिए जज्बा होना चाहिए।
देहरादून, जेएनएन। दून के कई छात्र-छात्राओं ने गुरबत में सफलता की राह तलाशी है। विपरीत परिस्थितियों से लड़कर इन छात्रों ने न सिर्फ मेरिट में जगह बनाई बल्कि यह भी दिखा दिया कि सफलता पाने के लिए जज्बा होना चाहिए, फिर आप सरकारी स्कूल में भी पढ़ें तो क्या फर्क पड़ता है।
सुजाता को मां के संघर्ष ने दिखाई राह
जीवन के कड़े संघर्ष और परिवार की विपरीत परिस्थितियों को मात देकर दून की सुजाता ने बोर्ड परीक्षा में 91.8 अंक हासिल किए हैं। सुजाता ने दून की मेरिट में छठा और प्रदेश 14वां स्थान प्राप्त किया है। उनकी इस सफलता से पूरे परिवार और स्कूल में खुशी का माहौल है। सुजाता इस सफलता का श्रेय अपनी मां के संघर्ष को देती हैं।
मूल रूप से टिहरी के लमगांव की निवासी सुजाता दून में कुंजापुरी विहार में रहती हैं। उनके पिता राजेश चंद रमोला का छह साल पहले निधन हो गया था। परिवार चलाने के लिए मां शैला देवी ने घरों में जाकर काम करना शुरू किया। राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबपुर की छात्रा सुजाता ने 10वीं में भी 88 फीसद अंक हासिल किए थे। इसके साथ ही इंटर में 90 फीसद से ज्यादा अंक लाने का लक्ष्य बना लिया था। अब वह इंजीनियर बनकर घर की बदहाली को दूर करना चाहती हैं। सुजाता ने बताया कि पापा के जाने के बाद मां किसी तरह परिवार को चला रही है। पाई-पाई जोड़कर मकान का किराया और घर खर्च निकल पाता है। सुजाता घर में भी पूरी जिम्मेदारी निभाती हैं। शनिवार को छोटी बहन का स्कूल नहीं होता, ऐसे में सुजाता घर पर रहकर बहन की देखभाल करती हैं। सुजाता को इस बात का भी भान है कि आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण उनकी पढ़ाई में बाधा आ सकती है।
कुक की बेटी बनना चाहती है आइएएस
विषम हालातों से पार पाकर दून की मल्लिका बरोली ने 12वीं की परीक्षा 91.2 फीसद अंक के साथ पास की। दून के नेहरूग्राम में रहने वाली मल्लिका अब आइएएस बनना चाहती हैं। मल्लिका के पिता धनपाल सिंह बरोली जीएमवीएन में कुक हैं। उनके पिता सात लोगों के परिवार को अकेले संभाल रहे हैं। मल्लिका ने बताया, उनके पिता का सपना है कि परिवार की एक बेटी अधिकारी जरूर बने। इसके लिए वह जी तोड़ मेहनत कर रही हैं। उनकी मां सरोजनी गृहिणी हैं। मल्लिका ने एसजीआरआर नेहरूग्राम से 12वीं की परीक्षा पास की। उन्होंने 10वीं की परीक्षा भी 86 फीसद अंक के साथ पास की थी। उनकी सफलता पर उनके परिवार और स्कूल में खुशी है।
सिविल सेवा है चालक की बेटी का लक्ष्य
शारदा देवी इंटर कॉलेज की छात्रा प्रिया पंवार ने 10वीं में 95 फीसद अंक लाकर स्कूल टॉप किया है। सफलता से गदगद प्रिया पंवार का कहना है कि यह हौसला आगे भी बरकरार रहेगा। वह सिविल सेवा में जाकर देश की सेवा करना चाहती हैं। प्रिया के परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर है। प्रिया के पिता संविदा पर कृषि विभाग में चालक हैं। उनकी माता गृहिणी हैं। हालांकि, प्रिया अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं। वह अपनी कॉपियों की जांच दोबारा कराना चाहती हैं। प्रिया ने पढ़ाई के लिए यूट्यूब का भी सहारा लिया।
वैज्ञानिक बनकर देशसेवा करना है सपना
प्रेमनगर के मेहूंवाला में रहने वाले आर्यन वर्मा ने 10वीं में 93.8 अंक प्राप्त कर स्कूल टॉप किया है। वह जीआइसी मेहूंवाला के छात्र हैं । आर्यन के परिवार की आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। उनके पिता एक ज्वेलरी शॉप में नौकरी करके परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। आर्यन पूर्व राष्ट्रपति एवं भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं। वह भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलकर वैज्ञानिक बन देश की सेवा करना चाहते हैं। आर्यन कहते हैं कि 10वीं में जो कमियां रह गई हैं, उन्हें 12वीं में पूरा कर वैज्ञानिक बनकर पिता का सपना पूरा करना है।
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