उत्तरांचल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, 98 शोधपत्र चयनित
उत्तरांचल विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 98 शोधपत्रों का चयन किया गया।
देहरादून, जेएनएन। उत्तरांचल विवि में 'एडवांसेज-एन इंजीनियरिंग सांइसेज मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी' पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में 98 शोधपत्रों का चयन किया गया। कॉन्फ्रेंस में देश-विदेश से आए शोधार्थी इंजीनियरिंग, विज्ञान एवं प्रबंधन आदि क्षेत्रों में हो रहे आविष्कारों से अवगत करवाया गया। कॉन्फ्रेंस में ताइवान, दुबई, मैक्सिको, सिंगापुर आदि देशों से लगभग तीन सौ से अधिक शोधपत्र प्राप्त हुए हैं। चयनित शोधपत्रों को दुनिया की शीर्ष संस्था एल्सव्हेयर द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। इस दौरान उत्तरांचल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के जरनल का भी विमोचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ विवि के कुलाधिपति जितेंद्र जोशी, कुलपति प्रो. (डॉ.) एनके जोशी, मुख्य अतिथि त्रिपुरा सरकार में पूर्व प्रमुख सचिव व एफ.आरआइ के पूर्व चांसलर डॉ. बीके बहुगुणा, एनआइसी के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डीसी मिश्र आदि ने दीप प्रज्वलित कर किया। कुलपति प्रो. (डॉ.) एनके जोशी ने कहा कि इस कॉन्फ्रेंस का आयोजन विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे शोध कार्यों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि शोध क्षेत्र में सभी शिक्षाविदों, इंजीनियर व वैज्ञानिकों को एक जगह एकत्र कर विचारों को आदान-प्रदान करना कॉन्फ्रेंस का मूल उद्देश्य है। डॉ. बीके बहुगुणा ने बताया कि विज्ञान एवं तकनीकि का सामाजिक संतुलन अति आवश्यक है। तकनीकि का विकास सामाजिक विकास में किया जाना चाहिए।
कॉन्फ्रेंस के की-नोट स्पीकर नेशनल इंफोरमेटिक्स सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर जनरल डॉ. डीसी मिश्र ने बताया कि विश्व हर पल तकनीकी क्षेत्र में विकसित हो रहा है। उसके साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिये सबसे ज्यादा जरूरी है। इस मौके पर कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विभागाध्यक्ष डॉ. सुमित चौधरी, तरुण कुमार, कपिल जोशी, संजीव शर्मा आदि मौजूद रहे।
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