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दून में हर दिन लग रहा ट्रैफिक जाम, राहत की नहीं है उम्मीद

दून शहर में हाल-फिलहाल जाम से राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। असल वजह यह थी कि चुनाव से पूर्व तक यातायात महकमा उधार के पुलिसकर्मियों के बूते चल रहा था।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 20 Apr 2019 10:40 AM (IST)Updated: Sat, 20 Apr 2019 10:40 AM (IST)
दून में हर दिन लग रहा ट्रैफिक जाम, राहत की नहीं है उम्मीद
दून में हर दिन लग रहा ट्रैफिक जाम, राहत की नहीं है उम्मीद

देहरादून, जेएनएन। दून शहर में हाल-फिलहाल जाम से राहत मिलने की उम्मीद नहीं दिख रही है। वजह यह कि लोकसभा चुनाव से पहले यातायात पुलिस से संबद्ध चल रहे पुलिसकर्मी अपने मूल तैनाती वाले जिलों में लौट गए। उनके अब वापस आमद कराने की उम्मीद न के बराबर है। ऐसे में अब सारा दारोमदार एसएसपी पर है। उन्हें एसपी ट्रैफिक ने पत्र लिखकर यातायात पुलिस में स्टाफ बढ़ाने की गुजारिश की है, लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्यवाही अमल में नहीं आ सकी है।

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देहरादून शहर और जाम का वैसे तो चोली-दामन का साथ है। मगर हाल के महीनों में स्थिति इस कदर बिगड़ गई है कि सड़कों पर कुछ क्षणों के लिए लगने वाला जाम अब सुबह से शाम तक अनवरत रूप से लोगों को छका रहा है। 

लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद तो शहर इस कदर जाम से बेहाल हो गया कि चंद किलोमीटर का सफर तय करने में घंटों का वक्त लगने लगा। इस पर अफसरों का तर्क था कि चुनाव के चलते अधिकांश फोर्स चुनाव ड्यूटी में लग गई है। इसके विपरीत असल वजह यह थी कि चुनाव से पूर्व तक यातायात महकमा उधार के पुलिसकर्मियों के बूते चल रहा था। 

चुनाव के चलते यातायात पुलिस से संबद्ध पुलिसकर्मियों को जहां मूल जनपदों के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया, वहीं सौ के करीब होमगार्ड भी ट्रैफिक से हटा लिए गए। अब चुनाव बीते आठ दिन से अधिक का समय गुजर चुका है, लेकिन चुनाव के दौरान आई मानव शक्ति की कमी को दूर करने का प्रयास शुरू नहीं किया गया।

80 सिपाही और सौ होमगार्ड हुए कम

लोकसभा चुनाव के एलान से पहले तक ट्रैफिक में दो इंस्पेक्टर, दो सब इंस्पेक्टर, दस हेड कांस्टेबिल और करीब दो सौ सिपाही तैनात थे। इसमें से 80 सिपाही हरिद्वार, उत्तरकाशी, पौड़ी, टिहरी व चमोली जिलों से ट्रैफिक पुलिस से संबद्ध किए गए थे। 

चुनाव का एलान होते ही ट्रैफिक से संबद्ध गैर जनपद के सिपाहियों को यहां से रिलीव कर दिया। वहीं, सवा सौ होमगार्डों में से 115 को भी चुनाव ड्यूटी में झोंक दिया गया। मौजूदा वक्त में ट्रैफिक के दस कांस्टेबिल, 116 सिपाही और एक दर्जन होमगार्ड ही ट्रैफिक में बचे हैं।

अभी और बुरे होंगे हालात

शहर में जाम को लेकर हालात और बुरे होने वाले हैं। अभी भी शहर के कई चौक-चौराहे ऐसे हैं, जहां पीक ऑवर में ड्यूटी नहीं लग पा रही है। नतीजतन आम दिनों में भी शहर हर रोज जाम से बेहाल हो रहा है।

सिर्फ चालान के लिए है सीपीयू

यातायात नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए गठित सिटी पेट्रोल यूनिट के लिए जाम लगना कोई बड़ी बात नहीं। चालान का टारगेट पूरा करने में वह इस कदर मशगूल हो जाते हैं कि सामने जाम लगा हो तो भी वह नजरअंदाज कर जाते हैं। क्या जाम खुलवाना या यातायात को सुचारु रखना उनकी जिम्मेदारी में नहीं है।

देहरादून के एसपी ट्रैफिक प्रकाश चंद आर्य ने बताया कि यातायात पुलिस में स्टाफ बढ़ाने के लिए एसएसपी को पत्र लिखा गया है। फिलहाल मौजूदा संसाधन में शहर में ड्यूटी लगाई जा रही है।

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