Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड के मंदिरों में रखी जाने वाली लकड़ी से बनने वाले परफ्यूम को दुनिया में मिलेगी पहचान, पीएम मोदी के कारण हुआ था फेमस

    Updated: Wed, 10 Dec 2025 01:25 PM (IST)

    उत्तराखंड के मंदिरों में इस्तेमाल होने वाली लकड़ी से बने परफ्यूम को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है। यह परफ्यूम, जो प्रधानमंत्री मोदी के कारण प्रसिद् ...और पढ़ें

    Hero Image

    पीएम को भेंट के बाद चर्चा में आया टिमरू इत्र व परफ्यूम. File

    केदार दत्त, देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड के पर्वतीय अंचलों में पाई जाने वाली धार्मिक व औषधीय महत्व की वनस्पति टिमरू (जैंथोजाइलम आरमेटम) के उत्पाद वैश्विक स्तर पर पहचान बनाएंगे। टिमरू के बीज से बने परफ्यूम को हाउस आफ हिमालयाज के माध्यम से मिली सफलता के बाद सरकार अब टिमरू के कृषिकरण और इसे बाजार उपलब्ध कराने को महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इस कड़ी में डाबर इंडिया और सगंध पौधा केंद्र (कैप) हाथ मिलाने जा रहे हैं। 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में दोनों के मध्य टिमरू को लेकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। इस साझेदारी के तहत डाबर इंडिया टिमरू के कृषिकरण में मदद करने के साथ ही किसानों से इसके बीज भी खरीदेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पीएम को भेंट के बाद चर्चा में आया टिमरू इत्र व परफ्यूम


    पर्वतीय अंचलों में टिमरू का धार्मिक महत्व भी है। इसके कांटेदार तनों को देवताओं के थान और घरों में रखा जाता है। साथ ही इसकी टहनियों का उपयोग दंत मंजन के रूप में भी किया जाता रहा है। वर्ष 2021-22 में कैप ने टिमरू के बीजों से इत्र और परफ्यूम बनाने का निर्णय लिया। दिसंबर, 2023 में देहरादून में हुए वैश्विक निवेशक सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को टिमरू इत्र व परफ्यूम भेंट किया गया। तब प्रधानमंत्री ने इसके लिए बाजार तलाशने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में सरकार ने राज्य के स्थानीय उत्पादों के अंब्रेला ब्रांड हाउस आफ हिमालयाज में इस उत्पाद को शामिल किया। इसके सार्थक परिणाम सामने आए हैं।

    अब तक 97 लाख रुपये के परफ्यूूम की बिक्री

    हाउस आफ हिमालयाज के लिए कैप द्वारा टिमरू परफ्यूम उपलब्ध कराया जा रहा है। अभी तक इस परफ्यूम की 100 एमएल की 2100 बोतल की आपूर्ति की जा चुकी है। कुल बिकी 97 लाख रुपये की हुई है। जाहिर है कि देशभर में लोग टिमरू परफ्यूम को पसंद कर रहे हैं। कैप ने टिमरू परफ्यूम के लिए अब तक पिथौरागढ़, टिहरी व उत्तरकाशी जिलों से 25 क्विंटल टिमरू बीज खरीदा है।

    अब कृषिकरण की ओर बढ़ रहे कदम

    पहाड़ में खाली पड़ी कृषि भूमि पर टिमरू के कृषिकरण की दिशा में आगे बढ़ा जा रहा है। इस क्रम में पिथौरागढ़ जिले में टिमरू घाटी विकसित करने की योजना है। साथ ही अन्य जिलों में भी इसे प्रोत्साहन दिया जाएगा।

    किसानों को मिलेगा बाजार

    टिमरू के कृषिकरण के साथ ही किसानों को इसके लिए बाजार उपलब्ध कराने को कदम उठाए जा रहे हैं। कैप के निदेशक डा नृपेंद्र चौहान के अनुसार इसी क्रम में डाबर इंडिया के साथ एमओयू किया जा रहा है। इस साझेदारी के तहत डाबर इंडिया प्लांटिंग मटीरियल में सहयोग देगा और उचित दाम पर टिमरू बीज भी खरीदेगा। इससे किसानों को बाजार मिल सकेगा।

    यह भी पढ़ें- माइक्रोसाफ्ट सीईओ सत्या नडेला को देहरादून के लेखक गांव का न्योता, वेद विश्व शांति सम्मेलन में आने का आमंत्रण

    यह भी पढ़ें- रामनगर में गरजा नगर निगम रुड़की का Bulldozer, सड़कों के किनारों से हटाया अतिक्रमण