अब ट्रैफिक रूल्स को मत करना नजर अंदाज, वरना मिलेगी 'डबल पनिशमेंट'; फाइन के साथ लगाना होगा लंगर
उत्तराखंड के देहरादून में ट्रैफ़िक नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियमों के अनुसार, ट्रैफ़िक नियमों का उल्लंघन करने पर 'डबल पनिशमेंट' का प्रावधान है ...और पढ़ें

यातायात नियमों के उल्लंघन को तीन श्रेणी में किया गया है वर्गीकृत। प्रतीकात्मक
विकास गुसाईं, देहरादून। प्रदेश में अब यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को नियमानुसार दंड भुगतने के साथ ही सामाजिक सेवा भी करनी होगी। इसमें यातायात संचालन, स्वच्छता कार्य, वृक्षारोपण, रक्तदान, हेलमेट वितरण व लंगर लगाना शामिल है।
उद्देश्य यह कि इससे नियमों का उल्लंघन करने वालों को अपने दायित्वों का बोध भी हो सके। नियम तोडऩे वाले अपनी कोई भी एक सामाजिक सेवा स्वयं चुन सकते हैं। सामुदायिक सेवा न करने के इच्छुक व्यक्ति से दोगुना अर्थदंड वसूलना प्रस्तावित है। परिवहन मुख्यालय ने इसका विस्तृत प्रस्ताव शासन को प्रेषित किया है, जिस पर अभी निर्णय लिया जाना शेष है।
प्रदेश में वाहन दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण आमजन का यातायात के नियमों के प्रति जागरूक न होना है। छोटे बच्चों को सार्वजनिक स्थानों पर वाहन चलाने के लिए देना, तेज गति अथवा शराब पीकर वाहन चलाना, सीट बेल्ट न पहनना, स्टंट करना, रेड लाइट जंप करना, निर्धारित से अधिक सवारी बिठाना, फोन पर बात करना व ओवर लोडिंग आदि शामिल है। इन सब नियमों के उल्लंघन पर अर्थदंड व कारावास का प्रविधान है। बावजूद इसके न तो सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े कम हो रहे हैं और न ही यातायात नियमों के उल्लंघन में चालान। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने मोटर यान अधिनियम की धारा 200 में दिए गए प्रविधान के अनुसार सामुदायिक सेवा का विस्तृत प्रस्ताव बनाया है। इसमें अपराधों के उल्लंघन के तीन श्रेणी में बांटा गया है।
बिना हेलमेट, तीन सवारी व हेलमेट न पहनने पर आठ घंटे का यातायात संचालन
क-श्रेणी के अपराधों में बिना लाइसेंस वालों को वाहन देना, ओवर लोडिंग, दोपहिया वाहन में तीन सवारी बिठाना, हेलमेट न पहनना और आपातकालीन सेवा वाहनों को राह न देना शामिल है। इसका उल्लंघन करने पर चौराहों में आठ घंटे यातायात संचालन, शैक्षणिक संस्थाओं में यातायात जागरूकता कक्षाओं में चार घंटे का सहयोग, मोहल्ले व कालोनियों में चार घंटे का स्वच्छता कार्य, वाल पेंटिंग बनाना व प्रदर्शन करना, पार्क व सड़कों के किनारे चार घंटे झाड़ी काटना, नदी किनारे व सार्वजनिक स्थानों पर दस वृक्ष लगाना अथवा पांच हेलमेट लगाना अथवा 10 वाहनों में रिफ्लेक्टिव टेप लगाना शामिल है।
बिना लाइसेंस, तेज रफ्तार व नशे में दोगुना करनी होगी सामाजिक सेवा
ख-श्रेणी में बिना वैध लाइसेंस के वाहन चालान, तेज रफ्तार, नशे में वाहन चलाना, वाहन चलाते हुए फोन पर बात करना, बच्चों की सीट बेल्ट न पहनना व वाहनों को नियमानुसार न बनाना शामिल है। इसमें श्रेणी क में उल्लेखित सामाजिक सेवाओं को दोगुना समय के लिए करना होगा। यदि चाहें तो वह वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम, बाल सुधार ग्रहों व नारी निकेतन में एक दिन का भोजन करा सकते हैं।
बार-बार नियम तोडऩे पर तीर्थयात्रियों के लिए लगाना होगा लंगर
श्रेणी-ग में तेज रफ्तार, स्पीड रेसिंग व बिना पंजीकरण वाहनों को चलाने के उल्लंघन शामिल किए गए हैं। इसमें उन्हें नियम क में उल्लेखित समाज सेवाओं को चौगुना समय के लिए करना होगा। वह चाहें तो राज्य में आने वाले 50 तीर्थयात्रियों व पर्यटकों के लिए लंगर लगा सकते हैं। वह रक्तदान शिविर अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को रक्तदान भी कर सकते हैं।
‘मुख्यालय स्तर से यह प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। इस पर अभी निर्णय होना शेष है।’ - एसके सिंह, अपर परिवहन आयुक्त, उत्तराखंड
यह भी पढ़ें- उत्तराखंड ने पर्यावरण काे बचाने को ग्रीन बिल्डिंग मॉडल की ओर बढ़ाए कदम, बदले नियम
यह भी पढ़ें- माल एवं सेवा कर अधिनियम में किए गए संशोधन उत्तराखंड में लागू, धामी कैबिनेट ने लगाई मुहर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।