बहुत कुछ बदला पर यहां नहीं बदली सड़क की हालत
पांच साल में बहुत कुछ बदला, नहीं बदली तो शिमला बाईपास से लेकर बनियावाला चौक तक लगभग चार किमी लंबी सड़क की सूरत। खस्ताहाल सड़क दुर्घटनाओं को न्योता दे रही है।

देहरादून, [हरीश कंडारी]: पांच साल में बहुत कुछ बदला, नहीं बदली तो शिमला बाईपास से लेकर बनियावाला चौक तक लगभग चार किमी लंबी सड़क की सूरत। हैरत तो इस बात की है कि देहरादून जिले के सहसपुर विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाली इस सड़क की ओर न तो कभी नेताजी ने ध्यान दिया और न लोनिवि के अफसरों ने ही इसकी सुध लेना जरूरी समझा।
नतीजा सड़क की हालत अब वैसी भी नहीं रही, जैसे पांच साल पहले थी। जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे बने हुए हैं और कई स्थानों पर तो पेंटिंग पूरी तरह उखड़ चुकी है। जिससे रोज कोई न कोई अनहोनी घटना इस सड़क पर सामान्य बात हो गई है।
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अब नेताजी जनता की सहानुभूति पाने को फिर चौखट-चौखट दस्तक देने की तैयारी में हैं। सो, लोगों ने तय किया है कि इस बार उनसे जरूर पूछेंगे कि आखिर उनका इंतजार पांच साल में खत्म क्यों नहीं हुआ।
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चुनाव विधानसभा के हों या लोकसभा के, प्रत्याशी हर बार बड़े-बड़े दावे करने में कोई कसर बाकी नहीं रखते। लेकिन, अफसोस! यह दावे चुनाव बीतते ही हवा हो जाते हैं। शिमला बाईपास से लेकर बनियावाला चौक तक की सड़क इसका उदाहरण है।
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पांच साल पहले जब विस के चुनाव हुए थे, तब भी हर प्रत्याशी की चिंताओं में यह सड़क थी। पर, चुनाव के बाद उनका इस सड़क से कोई सरोकार नहीं रहा।
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विदित हो कि यह सड़क गोरखपुर, पीतांबरपुर, बनियावाला व प्रेमनगर को आपस में जोड़ती है, जो कि बड़ी आबादी वाला क्षेत्र है। इतना ही नहीं, आइएमए में परेड के दौरान देहरादून शहर के ट्रैफिक का संचालन भी इसी सड़क से होता है। बावजूद इसके सड़क पर स्ट्रीट लाइट तक नहीं हैं।
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क्षेत्रीय निवासी गुलफाम अहमद, रामबहादुर, ज्योति गैरोला आदि कहते हैं कि इस बार जो भी प्रत्याशी उनसे वोट मांगने आएगा, उससे एक ही सवाल पूछा जाएगा कि आखिर कब उन्हें सड़क के जीर्णोद्धार के लिए नेताओं और अफसरों के चक्कर काटने पड़ेंगे।

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