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    Tehri Dam: देश के नौ राज्यों को रोशन कर रहा है टिहरी बांध, जानिए इसके बारे में

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 14 Sep 2020 11:30 PM (IST)

    Tehri Dam विश्व प्रसिद्ध रॉकफिल टिहरी बांध आज देश के नौ राज्यों को बिजली दे रहा है जबकि दिल्ली और उत्‍तरप्रदेश में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध करा रहा है।

    Tehri Dam: देश के नौ राज्यों को रोशन कर रहा है टिहरी बांध, जानिए इसके बारे में

    नई टिहरी, जेएनएन। Tehri Dam विश्व प्रसिद्ध रॉकफिल टिहरी बांध आज देश के नौ राज्यों को बिजली दे रहा है, जबकि दिल्ली और उत्‍तरप्रदेश में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध करा रहा है। 2400 मेगावाट की इस जल विद्युत परियोजना के लिए टिहरी शहर को जलमग्न होना पड़ा था, जिसमें 37 गांव पूर्ण रूप से डूब गए, जबकि 88 गांव आंशिक रूप से इससे प्रभावित हुए।

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    टिहरी जिले में भागीरथी और भिलंगना नदी के संगम पर बने टिहरी बांध निर्माण को वर्ष 1972 में स्वीकृति मिली और वर्ष1977-78 में बांध का निर्माण कार्य शुरू हुआ। भूकंप से नुकसान को रोकने के लिए टिहरी बांध को रॉकफिल बनाया गया। इसमें टिहरी बांध की झील का पानी रोकने के लिए बनी दीवार पूरी तरह से पत्थर और मिट्टी भरकर बनाई गई है। 29 अक्टूबर 2005 को टिहरी बांध की आखिरी सुरंग बंद हुई और झील बननी शुरू हुई। जुलाई 2006 में टिहरी बांध से विद्युत उत्पादन शुरू हुआ। टिहरी बांध से फिलहाल एक हजार मेगावाट और कोटेश्वर बांध से 400 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।

    एक हजार मेगावाट उत्पादन के लिए अभी पंप स्टोरेज प्लांट का कार्य किया जा रहा है। इसका काम पूरा होने के बाद टिहरी बांध से 2400 मेगावाट बिजली उत्पादन हो सकेगा। टिहरी बांध के कारण 125 गांव प्रभावित हुए। इनमें 37 पूर्ण रूप से झील में डूबे गए, जबकि 88 गांव आंशिक प्रभावित हुए। हजारों लोगों को टिहरी और उसके आसपास के क्षेत्रों से विस्थापित कर देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश में बसाया गया।

    टिहरी और गांव खाली होने के बाद बांध के लिए यहां पर 42 वर्ग किमी लंबी टिहरी झील बनाई गई। टिहरी बांध से 2,70,000 हेक्टर क्षेत्र की सिंचाई और प्रतिदिन 102.20 करोड़ लीटर पेयजल दिल्ली, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड को उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित है। मानसून और झील के जलस्तर में उतार चढ़ाव के चलते इसमें कुछ अंतर भी आता है।

    टिहरी बांध की तीन इकाई

    • टिहरी बांध-1000 मेगावाट
    • कोटेशवर जल विद्युत परियोजना-400 मेगावाट
    • टिहरी पम्प स्टोरेज परियोजना-1000 मेगावाट निर्माणधीन

    एक नजर

    • झील क्षेत्र -------- 42 वर्ग किमी
    • बांध दीवार की शीर्ष पर लंबाई--------575 मी.
    • बांध दीवार की शीर्ष पर चौड़ाई 25.5 मी. से 30.5 मी.तक फैलाव
    • बांध दीवार की तल पर चौड़ाई---------1125 मी.

    टिहरी बांध के ऊपर से होता है आवागमन

    टिहरी बांध झील के कारण अलग-थलग पड़े प्रतापनगर, भिलंगना ब्लॉक जाने के लिए वाहनों का संचालन भी बांध के ऊपर बनी सड़क से ही होता है। यहां पर दिन में वाहनों की आवाजाही होती है लेकिन रात में सुरक्षा कारणों के चलते वाहनों को जाने की अनुमति नहीं है। बांध की सुरक्षा के लिए सीआइएसएफ के सुरक्षाकर्मी हर समय तैनात रहते हैं। स्थानीय निवासी कई बार यहां पर  24 घंटे आवागमन सुचारु करने की मांग करते रहे हैं लेकिन अभी तक सुरक्षा कारणों को देखते हुए यह मांग पूरी नहीं की गई है।

    संदीप कुमार अग्रवाल (अपर महाप्रबंधक, नियोजन) का कहना है कि टिहरी बांध आज देश के नौ राज्यों को बिजली दे रहा है। वहीं, दिल्ली और यूपी में पेयजल और सिंचाई के लिए पानी भी उपलब्ध करा रहा है।

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