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यहां दिखेगी उत्तराखंडी लोक संस्कृति की झलक, हिमालयन कल्चरल सेंटर का भवन तैयार; जानें- खासियत

उत्तराखंडी लोक संस्कृति को सहेजने की दिशा में राज्य सरकार की कोशिशें अब धरातल पर नजर आने लगी हैं। दून में अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर का भवन बनकर तैयार हो गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 12 Sep 2020 04:22 PM (IST)Updated: Sat, 12 Sep 2020 10:47 PM (IST)
यहां दिखेगी उत्तराखंडी लोक संस्कृति की झलक, हिमालयन कल्चरल सेंटर का भवन तैयार; जानें- खासियत
यहां दिखेगी उत्तराखंडी लोक संस्कृति की झलक, हिमालयन कल्चरल सेंटर का भवन तैयार; जानें- खासियत

देहरादून, केदार दत्त। उत्तराखंड की समृद्ध लोकविरासत को सहेजने की दिशा में राज्य सरकार की कोशिशें अब धरातल पर नजर आने लगी हैं। इस कड़ी में देहरादून के नींबूवाला (गढ़ीकैंट) में 67.3 करोड़ की लागत से संस्कृति विभाग का अत्याधुनिक हिमालयन कल्चरल सेंटर का भवन बनकर तैयार हो गया है। नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) ने इसे बनाया है। इस सेंटर में अत्याधुनिक ऑडिटोरियम, राज्य स्तरीय संग्रहालय, ओपन थिएटर समेत अन्य सुविधाएं एक छत के नीचे उपलब्ध होंगी। सेंटर के संग्रहालय में राज्य की सभ्यता, संस्कृति से जुड़े मूर्त-अमूर्त प्रत्येक पहलू का समावेश होगा। साथ ही लोक कलाओं के संरक्षण में भी यह सेंटर महत्वपूर्ण भागीदारी निभाएगा।

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लोककलाओं के संरक्षण के साथ ही लोक संस्कृति के संवाहकों को उचित मंच प्रदान करने के मकसद से इस सांस्कृतिक केंद्र की पहल को धरातल पर उतारा गया है। सांस्कृतिक केंद्र में 2518 वर्गमीटर क्षेत्र पर 825 सीटर और विशेष रूप से दिव्यांगजनों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑडिटोरियम का निर्माण किया गया है।

साथ ही 12203 वर्गमीटर क्षेत्र में राज्य स्तरीय संग्रहालय बनाया गया है।ऑडिटोरियम डिजिटल और अत्याधुनिक ध्वनि प्रणाली से लैस है। साथ ही सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी यह आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। भवन में चार म्यूजियम हॉल, दो एक्जीबिशन गैलरी, मीटिंग हॉल, लाइब्रेरी भी है।

बिल्डिंग में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी 

ग्रीन बिल्डिंग कॉन्सेप्ट पर बने इस सांस्कृतिक केंद्र के भवन में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी बनाया गया है। बताया गया कि इसमें ऑटोक्लीन सेफ्टीटैंक तकनीक का भी प्रयोग किया गया है। सांस्कृतिक केंद्र को बनाने वाले प्रोजेक्ट कांट्रेक्टर शलभ गर्ग के अनुसार सांस्कृतिक केंद्र परिसर में 300 से अधिक वाहनों के पार्किंग की भी व्यवस्था की गई है।

लोक संस्कृति का होगा संरक्षण

हिमालयन कल्चरल सेंटर का संग्रहालय उत्तराखंड की सभ्यता, संस्कृति के संरक्षण में अहम भूमिका निभाएगा। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट बताती हैं कि संग्रहालय में उत्तराखंडी खान-पान, वास्तुकला, रीति-रिवाज, ज्वेलरी, पांडुलिपियां, स्मारकों की शैली, सिक्के, लोकवाद्य समेत राज्य की लोक संस्कृति से जुड़ी मूर्त-अमूर्त वस्तुएं प्रदर्शित की जाएंगी।

इसके साथ ही पारंपरिक लोकविधाओं के संरक्षण के लिए इनका डॉक्युमेंटेशन भी किया जाएगा, जिससे  लोकविधाओं को महफूज रखा जा सके और यह ज्ञान भावी पीढ़ी तक पहुंच सके।

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सेंटर का जल्द होगा लोकार्पण

हिमालयन कल्चरल सेंटर का भवन तैयार हो चुका है। वर्तमान में वहां इंटीरियर से संबंधित कार्य चल रहे हैं। इसके बाद एनबीसीसी इसे संस्कृति विभाग को हस्तांतरित करेगा। संस्कृति विभाग की निदेशक बीना भट्ट के अनुसार सेंटर का विभाग को हस्तांतरण होने के बाद जल्द ही मुख्यमंत्री के हाथों इसका उद्घाटन होगा। उन्होंने कहा कि यह सेंटर उत्तराखंड की लोकविरासत के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। 

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