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मसूरी शिफनकोट खाली कराने पहुंची पालिका की टीम, हड़कंप; विस्थापित करने की मांग

मसूरी में शिफनकोट बस्ती में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया जब अचानक नगर पालिका के वाहन से तुरंत जमीन खाली करने की मुनादी की जाने लगी।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Fri, 28 Aug 2020 05:50 PM (IST)Updated: Fri, 28 Aug 2020 05:50 PM (IST)
मसूरी शिफनकोट खाली कराने पहुंची पालिका की टीम, हड़कंप; विस्थापित करने की मांग

मसूरी, जेएनएन। शिफनकोट बस्ती में गुरुवार को उस समय हड़कंप मच गया, जब अचानक नगर पालिका के वाहन से तुरंत जमीन खाली करने की मुनादी की जाने लगी। पालिका की टीम ने चेतावनी दी कि आज ही अतिक्रमण ध्वस्त किया जाएगा। कुछ ही देर में मौके पर पीएसी ने भी मोर्चा संभाल लिया। इससे बस्ती के निवासियों में अफरा-तफरी मच गई। इसकी सूचना मिलते ही कांग्रेस के कई नेता और सभासद मौके पर पहुंच गए। स्थानीय निवासियों और नेताओं के विरोध के बाद पालिका की टीम बैरंग लौट गई।

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इसी 17 अगस्त को हाई कोर्ट ने पुरुकुल-मसूरी रोपवे की राह में रोड़ा बनी शिफनकोट बस्ती को खाली न कराने की शिफनकोट के निवासियों की याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद 24 अगस्त को बस्ती खाली कराने के लिए अधिकारी भारी दल-बल के साथ पहुंचे थे। हालांकि, ऐन वक्त पर मसूरी विधायक गणोश जोशी भी वहां पहुंच गए और अधिकारियों को बताया कि मुख्यमंत्री ने बस्ती में रहने वालों को भूमि खाली करने के लिए 10 सितंबर तक का वक्त दे दिया है। इसके बाद प्रशासन ने कार्रवाई रोक दी थी। बस्ती के 84 परिवारों में से 62 निर्धारित अवधि में जमीन खाली करने को राजी हो गए थे। 

प्रशासन ने उनसे सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराकर 15 दिन में जमीन खाली न करने पर खुद अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी थी। हालांकि, यह मियाद पूरी होने से पहले ही नगर पालिका की टीम शिफनकोट पहुंच गई। नगर पालिका की टीम और पीएसी को देखकर लोग गुस्से में आ गए। इसी बीच किसी ने यह सूचना कांग्रेस नेताओं को दे दी। विरोध बढ़ता देखकर पालिका की टीम बिना कार्रवाई किए लौट गई। 

मौके पर पहुंचे पूर्व पालिकाध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस महासचिव मनमोहन सिह मल्ल, सभासद गीता कुमाई, सरिता पंवार आदि ने बस्ती में रह रहे परिवारों को भरोसा दिलाया कि 10 सितंबर से पहले उन्हें नहीं हटाया जाएगा। मनमोहन सिंह मल्ल ने बताया कि उनकी इस बाबत पालिका के अधिशासी अधिकारी से बात हुई तो उन्होंने कहा कि जो भवन खाली हैं, उनसे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में दैनिक जागरण ने पालिका के अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती से कई बार संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका फोन नहीं उठा।

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बस्ती में रहने वालों को विस्थापित किया जाए

मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल के नेतृत्व में शहर के 27 संगठनों ने गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उप जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजकर शिफनकोट के निवासियों के समुचित विस्थापन की मांग की। ज्ञापन में कहा गया है कि मानसून का समय है। ऐसे में अगर इन परिवारों को बेघर किया जाता है, तो यह ठीक नहीं होगा। ज्ञापन देने वालों में मसूरी होटल एसोसिएशन, मसूरी टैक्सी ऑनर्स एसोसिएशन, आम आदमी पार्टी, होम स्टे एसोसिएशन, मसूरी डिस्ट्रीब्यूटर्स एसोसिएशन, मसूरी केमिस्ट एसोसिएशन, मजदूर संघ, पंजाबी महासभा, अग्रवाल महासभा आदि संगठनों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।

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