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    मसूरी में शिफन कोट खाली करने के लिए एक्शन मोड में आई पुलिस प्रशासन

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Mon, 24 Aug 2020 09:42 AM (IST)

    नैनीताल हाई कोर्ट में शिफन कोट के निवासियों की याचिका खारिज होने के बाद पुलिस भी यहां से अतिक्रमण हटवाने के लिए एक्शन मोड में आ गई है।

    मसूरी में शिफन कोट खाली करने के लिए एक्शन मोड में आई पुलिस प्रशासन

    मसूरी, जेएनएन। नैनीताल हाई कोर्ट में शिफन कोट के निवासियों की याचिका खारिज होने के बाद पुलिस भी यहां से अतिक्रमण हटवाने के लिए एक्शन मोड में आ गई है। यह अतिक्रमण लंबे समय से पुरुकुल-मसूरी रोपवे के निर्माण की राह में रोड़ा बना हुआ है। रविवार रात पुलिस ने लाउडस्पीकर से मुनादी कर अतिक्रमणकारियों को शिफन कोट खाली करने के लिए कहा। इसके लिए आज तक का समय दिया गया है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि ऐसा न करने पर प्रशासन जबरन जगह खाली कराएगा।

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    पुरुकुल को मसूरी से जोड़ने के लिए पर्यटन विभाग ने दो वर्ष पहले यहां रोपवे बनाने की योजना तैयार की थी। सरकार से इसको मंजूरी मिलने के बाद रोपवे निर्माण के लिए फ्रांस की एक कंपनी से करार भी कर लिया गया था। लेकिन, ऐन वक्त पर मसूरी में लाइब्रेरी बस स्टैंड के नीचे बसी अवैध मजदूर बस्ती शिफन कोट ने इस विकास कार्य में रोड़ा अटका दिया। यह बस्ती नगर पालिका मसूरी की जमीन पर बसी हुई है। रोपवे निर्माण के लिए नगर पालिका ने भूमि पर्यटन विभाग को हस्तांतरित कर दी, मगर अतिक्रमण नहीं हटवा सकी।

    नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती ने बताया कि सरकार के निर्देश पर वर्ष 2018 में नगर पालिका ने अतिक्रमणकारियों को भूमि खाली करने के लिए नोटिस भेजा था, लेकिन उन्होंने इसके खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी। इसी 17 अगस्त को हाई कोर्ट ने भूमि खाली करने के नगर पालिका के नोटिस को सही ठहराते हुए शिफन कोट के निवासियों की याचिका खारिज कर दी। इसी क्रम में रविवार को पुलिस बल के साथ एसडीएम मनीष कुमार, सीओ नरेंद्र पंत, नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी आशुतोष सती व अन्य अधिकारी शिफन कोट पहुंचे और वहां रहने वालों को नैनीताल हाई कोर्ट के फैसले से अवगत कराया। अधिकारियों ने बताया कि यहां रहने वालों के लिए फिलहाल गुरुद्वारा व मंदिरों में जगह देखी जा रही है।

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    उधर, पुलिस और प्रशासन की टीम के शिफन कोट पहुंचने की सूचना मिलने पर विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी वहां पहुंच गए। उन्होंने अधिकारियों से निवेदन किया कि बरसात खत्म होने तक जमीन खाली न कराएं।

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