कवियों ने कविताओं के जरिये वाहन एक्ट पर कसे तंज Dehradun News
राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में हिंदी पखवाड़े के तहत राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में कवियों ने महंगाई के साथ ही वाहन एक्ट पर भी तंज कसे।
देहरादून, जेएनएन। राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआइईपीवीडी) में हिंदी पखवाड़े के तहत राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस मौके पर देश के कई चर्चित कवियों ने शिरकत की और अपनी प्रस्तुतियों से वाहन एक्ट पर खूब तंज कसे।
एनआइईपीवीडी परिसर में आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ संस्थान के निदेशक प्रोफेसर नचिकेता राउत ने किया। राउत ने कहा कि कविता अपनी बात को दूसरों तक पहुंचाने का सशक्त माध्यम है। इससे पहले देश के विभिन्न हिस्सों से पहुंचे रचनाकारों ने अपनी कविताओं के माध्यम से राजनीति, महंगाई और भ्रष्टाचार पर तंज कसे।
कवि श्रीकांत की प्रस्तुति नमन करना या मत करना, कोई कुछ नहीं कहेगा, पर शहीदों की शहादत को कभी बदनाम मत करना, कविता पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाई। कवियत्री डौली डबराल ने मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की। कवि रोशनलाल ने वाहन एक्ट पर तंज कसा। वहीं शादाब अली ने-चिराग बनके जो दुनिया में सुनाई। डोली डबराल ने 'मैं नहीं किसी की चौखट पर पड़ी हूं, न दुत्कारे मुझे कोई अपने दम पर खड़ी हूं प्रस्तुत कर माहौल में जोश भर दिया।
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इसके अलावा जितेंद्र डिमरी, अमरजीत सिंह भाटिया, सतेंद्र कुमार की कविताओं को भी पंसद किया गया। कार्यक्रम में कमलबीर सिंह जग्गी, डॉ. सतीश अग्रवाल, आरपी सिंह, डॉ. विनोद कुमार केन, नीरज गांधी, पवन कुमार, सुखविंदर कौर चंडी प्रसाद लखेड़ा, योगेश अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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