उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों के हक की लड़ाई लड़ेंगे सुब्रमण्यम स्वामी
उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों का प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी से मिला। सुब्रमण्यम स्वामी ने चारधाम देवस्थानम एक्ट पर केे खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का आश्वासन दिया।
देहरादून, जेएनएन। चारधाम देवस्थानम एक्ट का विरोध कर रहे उत्तराखंड के तीर्थ पुरोहितों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी से मिला। देवस्थानम एक्ट को अधिकारों का हनन बताते हुए उनसे इसके खिलाफ जनहित याचिका दायर करने की गुहार लगाई। सुब्रमण्यम स्वामी ने भी इस एक्ट पर नाराजगी जताई और सभी पहलुओं का अध्ययन कर याचिका दायर करने की बात कही।
नई दिल्ली में राज्यसभा सदस्य एवं वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रमण्यम स्वामी के घर पर देवभूमि तीर्थ पुरोहित हक हकूकधारी महापंचायत का प्रतिनिधिमंडल अपना पक्ष लेकर पहुंचा। महापंचायत के उपाध्यक्ष अशोक सेमवाल ने चारधाम देवस्थानम एक्ट को पंडा-पुरोहितों के अधिकारों और परंपराओं पर कुठाराघात बताते हुए उनसे जनहित में कानूनी लड़ाई लड़ने की गुहार लगाई।
साथ ही सुब्रमण्यम स्वामी को चारधाम और उत्तराखंड के अन्य मंदिरों के रीति-रिवाज व पौराणिक गतिविधियों से अवगत कराया। स्वामी ने उत्तराखंड सरकार के इस निर्णय पर रोष जताते हुए उन्हें सभी पहलुओं का गहन अध्ययन करने के बाद याचिका दायर करने का आश्वासन दिया।
तीर्थ पुरोहितों के मुताबिक सुब्रमण्यम स्वामी ने उनका पूर्ण समर्थन करने की बात कहते हुए सरकार को आड़े हाथों लिया। मुलाकात के दौरान उन्होंने कहा कि जब सरकार एयर इंडिया को नहीं चला पाई तो मंदिर कैसे लगाएगी।
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महापंचायत के मीडिया प्रभारी बृजेश सती ने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी पूर्व में भी मंदिरों के सरकारीकरण का विरोध कर चुके हैं। वे उच्चतम न्यायालय में 2014 में संतों की पैरवी कर चुके हैं। ऐसे में तीर्थ पुरोहितों को पूरी उम्मीद है कि वे देवस्थानम एक्ट मामले में उनकी ओर से न्यायालय में पैरवी करेंगे। तीर्थ पुरोहितों के प्रतिनिधिमंडल में महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी, रजनीकांत सेमवाल आदि भी शामिल थे।
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