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कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने रोकी कॉलेज के छात्रों की राह

कोरोना संक्रमण ने उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों की राह रोक दी है। करीब साढ़े आठ महीने बाद उच्च शिक्षा संस्थान 16 दिसंबर से खुले थे लेकिन इस दौरान कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले दून में आने से छात्रों के अभिभावक बच्चों को कॉलेज भेजने से बच रहे हैं।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 06:17 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 06:17 PM (IST)
कोरोना संक्रमण के अधिक मामले दून में आने से अभिभावक अपने बच्चों को कॉलेज भेजने से बच रहे हैं

जागरण संवाददाता, देहरादून : कोरोना संक्रमण ने उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्रों की राह रोक दी है। करीब साढ़े आठ महीने बाद प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थान 16 दिसंबर से खुले थे, लेकिन इस दौरान कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले दून में आने से  अभिभावक अपने बच्चों को कॉलेज भेजने से बच रहे हैं। यही कारण है कि डीएवी जैसे प्रदेश के सबसे बड़े कॉलेज में छात्र भी नहीं आ रहे हैं।

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 प्रदेश के सभी कॉलेजों ने छात्रों की भीड़ से बचने के लिए प्रथम चरण में केवल प्रयोगात्मक कक्षाओं वाले छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया। जिससे कॉलेज में करीब पचास फीसद छात्र-छात्राएं ही आने का नियम बना था। लेकिन दून में कोरोना संक्रमण की बढ़ती दरों के कारण प्रयोगात्मक कक्षाओं वाले छात्र भी कॉलेज नहीं आ रहे हैं। डीएवी कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अजय सक्सेना ने बताया कि कॉलेज में पढऩे वाले अधिकतर छात्र-छात्राएं दून से बाहर के हैं। कई छात्र-छात्राएं तो दूरदराज के जिलों से यहां आकर पढ़ते हैं। इन छात्रों को कॉलेज खुलने की सूचना तो मिल चुकी है लेकिन पढ़ाई किस आधार पर होगी अभी छात्र इसका इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा दून में कोरोना संक्रमण के अधिक मामले सामने आने के बाद अन्य जिलों से अभिभावक अपने बच्चों को दून भेजने को तैयार नहीं हैं।

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कॉलेज में शिक्षकों की नियमित उपस्थिति रहती है। प्रयोगशालाओं को सैनिटाइज किया जा चुका है। लेकिन छात्र संख्या बेहद कम आ रहे हैं और कक्षाएं नियमित नहीं चल रही हैं। एमकेपी पीजी कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेखा खरे ने कहा कि कॉलेज में छात्राएं प्रतिदिन 10 से भी कम की संख्या में आ रही हैं। ऐसे में कक्षाएं संचालित करना भी संभव नहीं है। कोरोना संक्रमण के कारण छात्राएं फिलहाल कॉलेज नहीं आ रही हें।

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