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छात्रवृत्ति घोटाले की सूचना देने से परहेज कर रहा समाज कल्याण विभाग

हरिद्वार जिले में वर्ष 2011-12 से 2016-17 के बीच अनुसूचित जाति/जनजाति की दशमोत्तर छात्रवृत्ति की सूचना आरटीआइ में भी नहीं दी जा रही।

By BhanuEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 11:52 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 11:52 AM (IST)
छात्रवृत्ति घोटाले की सूचना देने से परहेज कर रहा समाज कल्याण विभाग
छात्रवृत्ति घोटाले की सूचना देने से परहेज कर रहा समाज कल्याण विभाग

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार जिले में वर्ष 2011-12 से 2016-17 के बीच अनुसूचित जाति/जनजाति की दशमोत्तर छात्रवृत्ति की सूचना आरटीआइ में भी नहीं दी जा रही। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने प्रकरण में एसआइटी की जांच गतिमान होने का हवाला देकर सूचनाओं से किनारा कर लिया। 

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यह सूचना हल्द्वानी निवासी मनीष पांडे ने मांगी थी। जवाब में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि प्रकरण में एसआइटी की जांच गतिमान है, लिहाजा यदि सूचना दी जाती है तो उससे अपराधियों को पकड़ने या जांच में बाधा पहुंच सकती है।

विभागीय अपीलीय अधिकारी/मुख्य विकास अधिकारी के स्तर से भी जब सूचना नहीं मिली तो मनीष पांडे ने सूचना आयोग में अपील की। प्रकरण की सुनवाई करते हुए राज्य सूचना आयुक्त चंद्र सिंह नपलच्याल ने अधिकारियों का जवाब तलब किया। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस बाबत एसआइटी प्रभारी को पत्र लिखा गया था। उनकी तरफ से अब तक कोई जवाब नहीं आया है। 

ऐसे में फिलहाल सूचना देने का औचित्य नजर नहीं आता। सूचना आयुक्त नपलच्याल ने अपना मत रखते हुए कहा कि यदि मामले में एसआइटी की जांच पूरी हो गई हो तो जिला समाज कल्याण अधिकारी संबंधित सूचनाएं उपलब्ध करा देंगे।

निजी कॉलेज पर अवैध वसूली का आरोप

अभाविप ने डोईवाला एक के निजी कॉलेज पर अवैध रूप से वसूली का आरोप लगाया है। इस संबंध में अभाविप कार्यकर्ताओं ने डीएम को ज्ञापन देकर कॉलेज की जांच कराने की मांग की है। 

डीएवी पीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पारस गोयल के नेतृत्व में छात्र डीएम कार्यालय पहुंचे। वहां पर डीएम को दिए ज्ञापन में छात्रों ने बताया कि लालतप्पड़ स्थित कॉलेज में कई वर्षों से छात्रों का आर्थिक व मानसिक शोषण किया जा रहा है। वहां फीस के लिए कोई नियम-कायदे नहीं हैं। लाइब्रेरी में किताबें भी नहीं हैं। कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति लगाने के भी पैसे वसूले जाते हैं। 

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उन्होंने प्रशासन से कॉलेज के पिछले दो तीन वर्षों का रिकॉर्ड चेक करने की भी मांग की। कहा कि इस तरह के कॉलेजों से जिले और प्रदेश की छवि धूमिल हो रही है। क्योंकि कॉलेज में बड़ी संख्या में दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि राज्यों के छात्र-छात्राएं भी पढ़ने आते हैं। डीएम ने छात्रों को आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। ज्ञापन देने वालों में एमकेपी पीजी कॉलेज छात्र संघ अध्यक्ष मनीषा राणा, डीबीएस अध्यक्ष मोहन प्रसाद, सागर तोमर, दयाल बिष्ट, तान्या वालिया, मनोरमा, अवधेश तिवारी, सत्यम कन्नौजिया आदि शामिल रहे। 

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