Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तो इस बार भव्य नहीं होगी आइएमए की पासिंग आउट परेड

    By Edited By:
    Updated: Sat, 23 May 2020 08:10 PM (IST)

    भारतीय सैन्य अकादमी प्रबंधन के सामने जून में होने वाली पासिंग आउट परेड को लेकर चुनौती आ खड़ी हुई है। माना जा रहा है इस बार पासिंग आउट परेड भव्‍य नहीं ह ...और पढ़ें

    Hero Image
    तो इस बार भव्य नहीं होगी आइएमए की पासिंग आउट परेड

    देहरादून, जेएनएन। कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। जिससे आम और खास कोई भी अछूता नहीं रहा है। यहा तक की सशस्त्र सेनाओं के अभेद तंत्र को भी वायरस ने भेद दिया है। ऐसे में सेना व अर्द्ध सैन्य बलों की कई अहम गतिविधियों पर विराम लगा हुआ है। कोरोना के बढ़ते खतरे से भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) भी सशकित है। यहा शुरू से ही संक्रमण से बचाव के लिए कई स्तर पर सतर्कता बरती जा रही है। एहतियात के तौर पर अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे जेंटलमैन कैडेटों के लिए सभी प्रकार की आउटर ड्रिल व नाइट एक्सरसाइज को बीती मार्च में ही स्थगित कर दिया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण सैन्य प्रशिक्षण अकादमी होने के वजह से अकादमी में आए दिन वीआइपी मूवमेंट भी रहता है, लेकिन वर्तमान में इसे सीमित कर दिया गया है। अब अकादमी प्रबंधन के सामने जून में होने वाली पासिंग आउट परेड को लेकर चुनौती आ खड़ी हुई है। पासिंग आउट परेड में काफी बड़ी संख्या में देश-विदेश के युवा कैडेट पास आउट होते हैं। न केवल कैडेटों के परिवार के लोग बल्कि देश विदेश से कई गणमान्य लोग परेड में शिरकत करते हैं। लेकिन अभी जिस तरह की स्थिति है, उसमें लोगों को शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा जा रहा है।

    ऐसे में पीओपी की तैयारियों को लेकर अकादमी प्रबंधन भी असमंजस की स्थिति में है। माना जा रहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण पर लगाम नहीं लगती है तो इस बार आइएमए में आयोजित होने वाली पासिंग आउट परेड का स्वरूप भव्य नहीं, बल्कि रस्मअदायगी तक सीमित रह सकता है। 

    अकादमी के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पीओपी को लेकर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इस संदर्भ में लगातार रक्षा मंत्रालय व सेना मुख्यालय से संवाद स्थापित किया गया है। यह प्रयास रहेगा कि पीओपी में भारत सरकार के गृह मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी का पूरा पालन किया जाए। बताया जा रहा है कि अकादमी प्रबंधन एका दो दिन में अपनी रणनीति स्पष्ट करेगा। 

    62,139 युवा बन चुके हैं अफसर 

    बता दें, भारतीय सैन्य अकादमी में देश विदेश के जेंटलमैन कैडेटों को प्रशिक्षण दिया जाता है। अकादमी की स्थापना से लेकर अब तक देश विदेश की सेनाओं को 62 हजार 139 युवा अफसर मिल चुके हैं। इनमें मित्र देशों के 2413 युवा अफसर भी शामिल हैं। वर्तमान में अकादमी में भारत के अलावा अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, मालदीव, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फिजी आदि मित्र देशों के भी कैडेट सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद यह कैडेट पास आउट होकर अपने-अपने देश की सेना का अभिन्न अंग बनते हैं। 

    यह भी पढ़ें: चमोली के ले. जनरल जयवीर नेगी बने आइएमए कमान्डेंट

    इसके लिए अकादमी में प्रतिवर्ष जून व दिसंबर में पासिंग आउट परेड आयोजित की जाती है। अकादमी के स्थापना से ही यह परंपरा निरंतर चली आ रही है। पहले की तुलना में पिछले डेढ़-दो दशक से अकादमी में आयोजित होने वाली परेड को भव्य स्वरूप दिया गया है। इसीलिए देश-दुनिया की नजर पीओपी पर टिकी रहती है। वहीं निरीक्षण अधिकारी के तौर पर भारत या अन्य मित्र देशों के राष्ट्रपति/राष्ट्राध्यक्ष, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री या फिर सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख अकादमी पहुंचते रहे हैं। लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण का प्रभाव पीओपी की स्थापित परंपराओं भी पड़ सकता है। आगामी जून में आयोजित होने वाली परेड को लेकर विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

    यह भी पढ़ें: भारतीय सैन्य अकादमी ने पूरा किया 87 वर्ष का गौरवशाली सफर Dehradun News