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    भारतीय सैन्य अकादमी ने पूरा किया 87 वर्ष का गौरवशाली सफर Dehradun News

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    Updated: Wed, 02 Oct 2019 06:07 PM (IST)

    आइएमए ने 87 वर्ष का गौरवशाली सफर पूरा कर लिया है। एक अक्टूबर 1932 में मात्र चालीस जेंटलमैन कैडेट के साथ शुरू हुआ सफर वर्तमान में 1650 कैडेट तक पहुंच गया है।

    भारतीय सैन्य अकादमी ने पूरा किया 87 वर्ष का गौरवशाली सफर Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) ने 87 वर्ष का गौरवशाली सफर पूरा कर लिया है। एक अक्टूबर 1932 में मात्र चालीस जेंटलमैन कैडेट के साथ शुरू हुआ सफर वर्तमान में 1650 कैडेट तक पहुंच गया है। स्थापना से लेकर अब तक अकादमी देश-विदेश की सेना को 61 हजार 762 युवा अफसर दे चुकी है। इनमें 33 मित्र देशों के युवा सैन्य अफसर भी शामिल हैं। 

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    मंगलवार को आइएमए ने अपना 87वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर वॉर मेमोरियल पर शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि भी दी गई। साथ ही अकादमी में बेहतर कार्य करने वाले सिविल स्टाफ को अकादमी के कमांडेंट ले जनरल एसके झा ने सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने अकादमी के सभी सैन्य व सिविल स्टाफ को स्थापना दिवस की बधाई दी। 
    उन्होंने कहा कि देश-विदेश में भारतीय सैन्य अकादमी ने अलग मुकाम हासिल किया है। इसका श्रेय अकादमी में तैनात सभी अधिकारियों, जवानों व सिविल स्टाफ को जाता है। उन्होंने सिविल स्टाफ से इसी जज्बे के साथ कार्य करते रहने का आह्वान किया। सुरक्षा और सर्तकता के साथ ही अनुशासन की सीख भी दी। अकादमी के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी, जवान व अन्य कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। 
    आइएमए का स्वर्णिम सफर 
    -एक अक्टूबर 1932 को 40 जेंटलमैन कैडेट के साथ अकादमी का सफर शुरू। 
    -पहले बैच में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले तीन कैडेट बाद में तीन देशों के सेना प्रमुख बने। 
    -10 दिसंबर 1932 को ब्रिगेडियर एलपी कालिंस अकादमी के पहले कमांडेंट बने। 
    -वर्ष 1947 में बिग्रेडियर ठाकुर महादेव सिंह आइएमए के पहले भारतीय कमांडेंट बने। 
    -जनवरी 1949 में आइएमए आ‌र्म्ड फोर्सेज अकादमी के रूप में स्थापित हुई।
    -अकादमी में 33 मित्र देशों के कैडेटों को भी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। -अब तक अकादमी से 61762 कैडेट पास आउट हो चुके हैं।