उत्तराखंड: चारधाम में बर्फबारी, निचले क्षेत्रों में हल्की वर्षा
उत्तराखंड में मौसम ने अचानक करवट बदली और बदरीनाथ और केदारनाथ समेत पहाड़ों में बर्फबारी हुई। इससे ठंडक बढ़ गई । वहीं कई जगह बारिश हुई।
देहरादून, [जेएनएन]: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार इंद्रदेव देवभूमि उत्तराखंड पर मेहरबान हो ही गए। चारधाम के साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं मंडल की अनेक चोटियों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली। यही नहीं, विभिन्न स्थानों पर कहीं हल्की तो कहीं ठीक-ठाक फुहारें पड़ीं। बारिश-बर्फबारी के चलते सूबे में ठिठुरन बढ़ गई है।
वहीं, रुड़की में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर एक महिला झुलस गई, जबकि 12 से अधिक घरों में विद्युत उपकरण फुंक गए। वहीं, कुमाऊं में हिमपात से थल- मुनस्यारी मार्ग करीब दो घंटे तक बाधित रहा। उधर, मौसम विभाग के मुताबिक आसमान मुख्यत: साफ रहने से लेकर आंशिक रूप से बादल रह सकते हैं।
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अक्टूबर से वर्षा-बर्फबारी की राह ताक रहे उत्तराखंड में शुरू हुई बादलों की आवक ने उम्मीद जगाई और रविवार को मेघों ने निराश भी नहीं किया। गढ़वाल मंडल में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के साथ ही हेमकुंड साहिब, औली, धनोल्टी समेत अन्य स्थानों पर कहीं जोरदार तो कहीं हल्की बर्फबारी हुई।
कुमाऊं मंडल को लें तो पिथौरागढ़, बागेश्वर व नैनीताल की ऊंची चोटियों पर हिमपात हुआ। थल -मुनस्यारी मार्ग पर कालामुनि बिटलीधार में तीन इंच तक हिमपात हुआ। पंचाचूली राजरंभा, हंसालिंग नंदाकोट, मिलम सहित छिपलाकोट, दारमा व व्यास चोटियों पर बर्फ गिरने का सिलसिला देर शाम तक जारी था।
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यही नहीं, सूबे में अनेक स्थानों पर कहीं हल्की तो कहीं जोरदार बौछारें पड़ीं। कुछेक जगह ओलावृष्टि भी हुई। बारिश- बर्फबारी से राज्य में ठंडक में इजाफा हो गया है। पर्वतीय इलाकों में ठिठुरन खासी बढ़ गई है। मौसम की करवट से सूखी ठंड से भी निजात मिली है। साथ ही बारिश व बर्फबारी से किसानों के चेहरों पर भी हल्की मुस्कान लौटी है। उधर, मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ और साइक्लोनिक सर्कुलेशन के असर के फलस्वरूप उत्तराखंड में बारिश-बर्फबारी हुई।
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