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यहां छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों के बयान दर्ज करेगी एसआइटी, जानिए वजह

अब एसआइटी छात्रवृत्ति लेने वाले हर छात्र-छात्रा से पूछताछ कर सकती है। इसके लिए इन दिनों एसआइटी 2012 से 2017 के बीच में छात्रवृत्ति लेने वाले छात्र-छात्राओं की सूची बना रही है।

By Edited By: Published: Fri, 07 Jun 2019 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 01:48 PM (IST)
यहां छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों के बयान दर्ज करेगी एसआइटी, जानिए वजह
यहां छात्रवृत्ति लेने वाले छात्रों के बयान दर्ज करेगी एसआइटी, जानिए वजह
देहरादून, जेएनएन। दशमोत्तर छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले हर छात्र-छात्रा से एसआइटी पूछताछ कर सकती है। इसके लिए इन दिनों एसआइटी 2012 से 2017 के बीच में छात्रवृत्ति लेने वाले छात्र-छात्राओं की सूची बना रही है। इसके अलावा हाईकोर्ट की मॉनिटरिंग से हर सबूत को कई स्तर पर क्रॉस चेक किया जा रहा है। यूनिवर्सिटी और कॉलेज के रिकॉर्ड का भी आपस में मिलान किया जा रहा है। 
करोड़ों के छात्रवृत्ति घोटाले में दून के नामी कॉलेज भी एसआइटी के रडार पर हैं। प्रेमनगर और डोईवाला में दो मुकदमे भी एसआइटी दर्ज कर चुकी है। एसआइटी इन दिनों कॉलेजों की जांच कर रही है। इसके लिए 2012 से 2017 के बीच दशमोत्तर छात्रवृत्ति लेने वाले छात्र-छात्राओं के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। छात्र-छात्राओं को किस आधार पर छात्रवृत्ति मिली, इसके पुख्ता प्रमाण जुटाए जा रहे हैं। इसके बाद छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं के भी बयान दर्ज किए जाएंगे। 
एसआइटी सूत्रों का कहना है कि प्रेमनगर क्षेत्र के सात कॉलेजों में पढ़े ऐसे छात्र-छात्राओं की सूची तैयार की जा रही है। जिससे इनको पूछताछ के लिए बुलाया जा सके। बताया जा रहा है कि इन कॉलेजों में पढ़ने वाले 70 फीसद बच्चे पास आउट हो गए हैं। ऐसे में रिकॉर्ड के आधार पर एसआइटी सबूत जुटा रही है। उधर, एसआइटी के अधिकारियों का कहना है कि हरिद्वार में अधिकांश कॉलेज पूरी तरह से फर्जी थे। जबकि दून के कॉलेज संचालकों ने छात्रवृत्ति के लिए कुछ औपचारिकताएं की हैं। यही कारण है कि यह आसानी से हाथ नहीं आ रहे हैं। रिकॉर्ड का मिलान होने के बाद इस दिशा में कुछ कार्रवाई हो सकती है।

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